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अमेरिकी न्यूज वेबसाइट पॉलिटिको.कॉम ने एक विस्फोटक खबर छापी है। इसमें बताया गया है कि गर्भपात की वैधानिकता के मामले में सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने अपना निर्णय कर लिया है। सुप्रीम कोर्ट बहुमत से 1973 के अपने उस फैसले को पलट देगा, जिसमें गर्भपात को वैध ठहराया गया था। यानी इस फैसले के बाद अमेरिका में गर्भपात कराना गैर-कानूनी हो जाएगा। 1973 के फैसले को रो. वर्सेज वेड नाम से जाना जाता है।
पॉलिटिको की इस खबर ने अमेरिका में सबको चौंका दिया है। ये पहला मौका है, जब सुप्रीम कोर्ट का कोई फैसला सुनाए जाने के पहले ही मीडिया को लीक हो गया हो। पोलिटिको की वेबसाइट पर ये खबर आते ही देश भर के मीडिया में ये खबर छा गई है। पोलिटिको ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि किस जज ने क्या फैसला दिया, यह अभी मालूम नहीं हो सका है। फैसला जून के अंत तक सुनाए जाने की संभावना है। इस बीच संभव है कि फैसले की भाषा में कुछ फेरबदल हो।
गर्भपात की वैधानिकता पर लंबे समय से विवाद
टीवी चैनल सीएनएन अपनी एक रिपोर्ट में अनुमान लगाया है कि सुप्रीम कोर्ट के पांच कंजरवेटिव जजों ने रो. वर्सेज वेड को पलटने के पक्ष में निर्णय दिया होगा। उनमें ये चार जज- क्लेयरेंस थॉमस, नील गोर्सुख, ब्रेट कवाना, और एमी कॉनी बैरेट निश्चित रूप से शामिल होंगे। अमेरिका में गर्भपात की वैधानिकता को लेकर काफी समय से विवाद छिड़ा हुआ है। रिपब्लिकन पार्टी और उसके समर्थक कंजरवेटिव समूहों ने 1973 का फैसला पलटे जाने के पक्ष में मुहिम चला रखी है। रिपब्लिकन पार्टी शासित कई राज्यों में इस संबंध में कानून भी पारित कराए गए हैं।
उन राज्यों में मिसीसिपी भी है। इसी राज्य में पिछले साल पारित कराए गए कानून को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। उसी मामले में कोर्ट इस पूरे प्रकरण पर विचार कर रहा है। इस मामले को डॉब्स वर्जेस जैक्सन के नाम से जाना जा रहा है। वेबसाइट एक्सियोस.कॉम की एक रिपोर्ट के मुताबिक रो वर्सेज वेड को सुप्रीम कोर्ट जैसे ही पलटेगा, 13 राज्यों में गर्भपात कराना पूरी तरह गैर-कानूनी हो जाएगा। उसके बाद कई अन्य राज्यों में भी इसे गैर-कानूनी बनाने संबंधी बिल पारित होंगे।
लोगों ने जताया विरोध
सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक पोलिटिको की खबर जैसे ही फैली, सैकड़ों लोग वॉशिंगटन में सुप्रीम कोर्ट के बाहर इकट्ठे हो गए। उनमें बहुत सी महिलाएं लोग रो रही थीं और लोग एक दूसरे को सांत्वना बंधा रहे थे। एक मौके पर लोगों ने नारेबाजी भी शुरू कर दी। कुछ लोगों ने ‘कोर्ट को बंद कर दो’ जैसे नारे भी लगाए। एक समूह ने कहा- गर्भपात का अधिकार खतरे में हैं, लेकिन हम फिर लड़ाई लड़ेंगे।
यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास में कानून के प्रोफेसर स्टीव व्लादेक के मुताबिक पोलिटिको में इस रिपोर्ट का छपना उच्चतर न्यायपालिका की गोपनीयता भंग होने की यह अभूतपूर्व घटना है। उन्होंने सीएनएन से कहा- ‘यह सचमुच हैरत में डालने वाला है। इसके पहले हमने कभी ऐसा नहीं सुना कि कोर्ट की अंदरूनी कार्यवाही इस तरह लीक हो गई हो। जो फैसला सामने आया है, वह तो सदमा पहुंचाने वाला ही है। दरअसल, दोनों ही रूपों में यह एक तरह के भूकंप जैसा है।’