Getting your Trinity Audio player ready...
|
चीन में कोरोना से हाहाकार मचा हुआ है। राजधानी बीजिंग व व्यावसायिक राजधानी शंघाई में सोमवार को प्रतिबंध और कड़े कर दिए गए। घरों में कैद लाखों लोगों को सामान की डिलीवरी लेने से भी रोक दिया गया। इससे जनता में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
9 मई को चीन में कोरोना के 3,475 नए मामले सामने आए। इनमें से 357 लोगों में कोरोना के लक्षण पाए गए और 3118 लोगों में कोरोना के कोई लक्षण नहीं मिले। चीन में अब तक 5191 लोगों की मौत हो चुकी है।
शंघाई में डेढ़ माह से लॉकडाउन
कोरोना की रोकथाम में इस बार चीन पिछड़ता प्रतीत हो रहा है। उसकी जीरो कोविड नीति पर भी सवाल उठने लगे हैं। शंघाई में डेढ़ माह से लॉकडाउन लागू है। संक्रमण रोकने के लिए प्रतिबंधों को और कड़ा किया गया है। अभी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। शंघाई के 16 जिलों में से चार में लोगों को सप्ताह के आखिर में नोटिस दिया गया है कि वे अपने घरों से बाहर नहीं जा सकते। वे सामान की डिलीवरी भी नहीं ले सकते हैं। इससे पहले आवासीय क्षेत्र में घूमने की छूट थी।
पाबंदियों का विरोध तेज
शंघाई में नए प्रतिबंधों का विरोध तेज होता जा रहा है। एक रहवासी कोको वांग का कहना है कि यह जेल की तरह है। हमें कोरोना वायरस से नहीं, नीतियों से डर लगता है। उधर, बीजिंग में भी अब तक के सबसे कड़े प्रतिबंधों का एलान किया गया है। दक्षिण-पश्चिम बीजिंग में लोगों को घरों से बाहर निकलने से रोक दिया गया है। लोगों से वर्क फ्रॉम होम के लिए कहा गया है। पब्लिक ट्रांसपोर्ट को भी बंद कर दिया गया है। कई इमारतों और पार्क को भी सील किया गया है।
अर्थव्यवस्था पर गंभीर असर
कोरोना की ताजा लहर से चीन की अर्थव्यवस्था भी बुरी तरह प्रभावित हुई है। देश की निर्यात वृद्धि लगभग दो वर्षों में सबसे कमजोर स्थिति में है। अर्थव्यवस्था के अन्य क्षेत्रों पर इसका बुरा असर पड़ा है।