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श्रीलंका के बाद पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था भी संकट की ओर बढ़ रही है। देश को बड़े संकट से बचाने के लिए शहबाज शरीफ सरकार ने ‘आपात आर्थिक योजना’ लागू की है। इसके तहत 38 गैर जरूरी व लग्जरी वस्तुओं के आयात पर पाबंदी लगा दी गई है।
शहबाज सरकार ने यह कदम डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रूपये के मूल्य में आई रिकॉर्ड गिरावट के बीच लिया है। पाकिस्तान का भी विदेशी मुद्रा भंडार तेजी से कम हो रहा है, इसलिए वह नहीं चाहता है कि देश में गैर जरूरी सामान के आयात पर विदेशी मुद्रा खर्च की जाए।
पीएम शहबाज शरीफ ने ट्वीट कर कहा कि सरकार के इस निर्णय से बेशकीमती विदेशी मुद्रा बचाई जा सकेगी। हम कठोरता बरतेंगे। आर्थिक रूप से सक्षम लोगों को इसमें अगुआई करना चाहिए ताकि देश के वंचितों लोगों को पूर्ववर्ती पीटीआई सरकार द्वारा उन पर डाला गया यह बोझ न उठाना पड़े।
पाकिस्तान में एक डॉलर 200 रुपये का
पाकिस्तानी रुपया बुधवार को अब तक के सबसे निचले स्तर पर आ गया, क्योंकि देश के इतिहास में पहली बार अमेरिकी डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपया बुरी तरह लुढ़क गया। पाक विदेशी मुद्रा बाजार में एक डॉलर का दाम 200 पाकिस्तानी रुपये हो गया। यहां यह उल्लेखनीय है कि भारत में डॉलर का दाम 77.50 रुपये के करीब है।
पाकिस्तान की सूचना मंत्री मरियम औरंगजेब ने गुरुवार को इस्लामाबाद में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अनावश्यक आयात पर पाबंदी का एलान किया। मरियम ने कहा कि पीएम शरीफ देश की अर्थव्यवस्था को स्थिर करने के लिए रातदिन जुटे हुए हैं। इसीलिए गैर जरूरी सामान के आयात पर भी रोक लगाई गई है। इन लग्जरी सामान का उपयोग आम जनता नहीं करती है। हमारी सरकार अब निर्यात पर जोर दे रही है।
चीनी नागरिकों को सर्वोच्च सुरक्षा
पाक पीएम शहबाज शरीफ ने कहा है कि उनका देश चीनी नागरिकों को सर्वोच्च सुरक्षा प्रदान कर रहा है। सभी चीनी संस्थानों को भी पूरी सुरक्षा दी जा रही है। पाकिस्तान में चीन की आर्थिक गलियारा परियोजना के तहत बड़ी संख्या में चीनी नागरिक काम कर रहे हैं। गुरुवार को चीन के विदेश सुरक्षा आयुक्त चेंग जियोपिंग ने पीएम शरीफ से मुलाकात की। इसमें पीएम ने उन्हें चीनी नागरिकों को पर्याप्त सुरक्षा का भरोसा दिलाया।