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लखनऊ में संक्रमण के मामले बढ़ने के साथ अब केजीएमयू और लोहिया संस्थान में भर्ती होने के लिए कोविड-19 की निगेटिव रिपोर्ट फिर से अनिवार्य की जा रही है। फिलहाल यह सख्ती सर्दी-जुकाम और बुखार जैसे लक्षण वालों और ऑपरेशन के लिए भर्ती होने वाले मरीजों के लिए ही है।
दोनों ही संस्थानों में मरीजों की भर्ती इमरजेंसी और ओपीडी से की जाती है। जैसे-जैसे कोरोना के केस बढ़ रहे हैं, सख्ती भी बढ़ती जा रही है। केजीएमयू और लोहिया संस्थान में इमरजेंसी में आने वाले मरीजों को तुरंत भर्ती करके इलाज किया जाता है। जिन मरीजों में कोविड के लक्षण होेते हैं उन्हें भर्ती करने के बाद संक्रमण की जांच कराई जाती है। अब ओपीडी से भर्ती होने वाले मरीजों के मामले में पूरी तरह से यह व्यवस्था लागू कर दी गई है। ऑपरेशन के लिए भर्ती होने वाले मरीजों पर यही व्यवस्था लागू है।
बढ़ गई कोविड जांच के लिए भीड़
केस बढ़ने और भर्ती होने के लिए कोविड जांच की अनिवार्यता की वजह से संस्थानों में कोविड जांच के लिए भीड़ बढ़ती जा रही है। इससे मरीजों का इंतजार भी लंबा हो रहा है। मरीज को एक बार जांच कराने के लिए और फिर रिपोर्ट लेने के लिए लाइन लगानी होती है। अब मरीज ओपीडी के बाद सीधे भर्ती नहीं हो पा रहे हैं। पहले उनको कोविड जांच करानी पड़ती है। इसके अगले दिन रिपोर्ट आने के बाद ही मरीज भर्ती हो पा रहे हैं।
इधर, 36 और आए संक्रमण की चपेट में
राजधानी में कोरोना के केस बढ़ते जा रहे हैं। बृहस्पतिवार को 36 नए मरीज मिले। सभी मरीज बिना लक्षण वाले हैं, जिन्हें होम आइसोलेशन में रखा गया है। वहीं, 40 मरीजों ने वायरस को मात देने में कामयाबी पाई है। सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल ने बताया कि मरीजों के संपर्क में आने वालों की जांच कराई जा रही है। वहीं, संक्रमण बढ़ रहा है, इसलिए लोगों को सजग रहने की जरूरत है। सर्दी-जुकाम, बुखार व गले में खराश जैसे लक्षण नजर आने पर तुरंत डॉक्टर क ी सलाह लें। हालत गंभीर होने पर कोरोना जांच भी कराएं।