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रिकॉर्ड महंगाई और रेल हड़ताल से जूझ रहे ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को अब सियासी मोर्चे पर तगड़ा झटका लगा है। कुछ ही समय पहले जॉनसन जद्दोजहद के बाद अपनी कंजरवेटिव पार्टी के भीतर दोबारा विश्वास मत जीतने में सफल रहे थे। अब दो उपचुनावों में पार्टी की हार से उनके नेतृत्व पर फिर से सवाल उठने लगे हैं। उपचुनावों में हार के बाद कंजरवेटिव पार्टी के अध्यक्ष ओलिवर डॉवडेन ने इस्तीफा दे दिया है। इससे जॉनसन पर दबाव और बढ़ गया है।
गुरुवार को संसदीय उपचुनाव वेकफील्ड और टिवर्टन-होनीटन चुनाव क्षेत्रों में हुए। इनमें वेकफील्ड में विपक्षी लेबर पार्टी विजयी रही। जबकि टिवर्टन-होनीटन की सीट लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी ने जीती। इनमें खास कर टिवर्टन-होनीटन सीट पर हार से कंजरवेटिव पार्टी हिल गई है। ये सीट एक सदी से भी ज्यादा समय से कंजरवेटिव पार्टी के पास थी। राजनीतिक विश्लेषकों ने यहां पार्टी की हार को उपचुनावों के दौरान हुआ सबसे बड़ा उलटफेर बताया है। इस सीट पर लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के रिचर्ड फूर्ड ने कंजरवेटिव पार्टी की हेलेन हर्फोर्ड को 6,144 वोटों से हराया।
पूरा हफ्ता देश से बाहर बोरिस
प्रधानमंत्री जॉनसन इस समय रवांडा की यात्रा पर गए हैं। वहां से वे जी-7 की शिखर बैठक में हिस्सा लेने जर्मनी जाएंगे। फिर नाटो (नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गनाइजेशन) की बैठक में हिस्सा लेने के लिए वे स्पेन जाएंगे। इस तरह वे अगला पूरा हफ्ता देश से बाहर रहेंगे। लेकिन इस बीच अब कंजरवेटिव पार्टी में उनका विरोधी खेमा फिर से अपनी आवाज उठाने लगा है।
रवांडा की राजधानी किगाली में पत्रकारों से बात करते हुए जॉनसन ने कहा कि इन चुनाव नतीजों के पीछे कई कारण हैं। उनमें महंगाई भी शामिल है। उन्होंने कहा- ‘हमें स्वीकार करना होगा कि हमें और भी ज्यादा काम करने की जरूरत है और निश्चित रूप से हम ऐसा करेंगे। जब तक हम कामयाब नहीं हो जाते, तब तक हम लोगों की चिंताएं दूर करने की कोशिश में जुटे रहेंगे।’
लेकिन पार्टी प्रमुख डॉवडेन ने अपना पद छोड़ते हुए यह साफ कहा है कि चीजें जैसी चल रही हैं, उन्हें उसी तरह जारी रहने नहीं दिया जा सकता है। जॉनसन को लिखे पत्र में उन्होंने कहा- ‘उपचुनाव के नतीजे हमारी पार्टी के खराब प्रदर्शनों में एक ताजा कड़ी हैं। हमारे समर्थक हताश हैं। वे हाल की घटनाओं से निराश हैं। मैं उनकी भावनाओं के साथ हूं।’ डॉवडेन ने कहा कि इस हाल की जिम्मेदारी किसी ना किसी को स्वीकार करनी होगी। उन्होंने कहा- ‘मैं इस निष्कर्ष पर पहुंचा हूं कि अब पद पर बने रहना मेरे लिए उचित नहीं है।’
नया प्रधानमंत्री चुनने की तैयारी!
सत्ताधारी पार्टी के वरिष्ठ सांसद सर ज्योफरी क्लिफ्टन-ब्राउन ने कहा है- ‘हमें अब नया प्रधानमंत्री चुनने की दिशा में कदम उठाने पड़ सकते हैं।’ क्लिफ्टन-ब्राउन ने कहा है कि वे इस बारे में प्रधानमंत्री जॉनसन की राय जानना चाहते हैं। उन्होंने कहा- इसमें कोई शक नहीं है कि हमें अब कुछ सख्त फैसले लेने होंगे।
विश्लेषकों का कहना है कि कोरोना लॉकडाउन के दौरान प्रधानमंत्री आवास में हुई भव्य पार्टियों के मुद्दे पर उठे विवाद से जॉनसन मुश्किल से निकल पाए। उसी मामले में उन्हें पार्टी के अंदर विश्वास मत का सामना करना पड़ा। अखबार द गार्जियन के एक विश्लेषण के मुताबिक कंजरवेटिव पार्टी के संविधान के मुताबिक विश्वास मत में विजयी रहने के बाद प्रधानमंत्री को एक साल तक फिर से विश्वास मत पाने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता। लेकिन अखबार ने यह भी कहा है कि जरूरत पड़ने पर नियम बदले जा सकते हैं।