Getting your Trinity Audio player ready...
|
जाटान बम ब्लास्ट के मामले में लखनऊ एनआईए की कोर्ट ने फैसला सुनाया है। खंडवा जेल से भागने वाले छह आतंकियों की मदद करने वाले पांच लोगों को सात-सात साल के कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई गई है। ये पांचों बिजनौर के रहने वाले हैं और लखनऊ की जेल में बंद हैं। बिजनौर में छिपकर रहे सिमी के छह आतंकी देश को दहलाने के लिए यहां बम बनाते थे, ब्लास्ट होने के बाद आतंकियों की फरारी में भी मददगारों ने पूरी मदद की थी हालांकि सिमी के सभी छह आतंकी मुठभेड़ में पहले ही मारे जा चुके हैं। एनआईए की अदालत ने अब्दुल्ला पुत्र रईस अहमद, रईस अहमद पुत्र बशीर अहमद निवासी भाटान, नदीम निवासी उमरी, फुरकान निवासी झालू और हुस्ना उर्फ हुसैना निवासी उमरी को सात सात-सात साल की सजा और 57-57 सौ रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। 12 सितंबर 2014 को मोहल्ला जाटान के एक मकान में विस्फोट हुआ था। यह विस्फोट बम बनाते समय हुआ था। विस्फोट में एक आतंकी महबूब गंभीर रूप से घायल हुआ था। विस्फोट होने के बाद मालूम पड़ा कि 13 अक्तूबर 2013 को खंडवा जेल से फरार होने के बाद आतंकी अमजद, असलम, एजाजुद्दीन, महबूब, सालिक और जाकिर हुसैन बिजनौर में ठिकाना बना लिया था, जोकि देश को दहलाने के लिए यहां बम बनाते थे हालांकि इस विस्फोट के बाद सभी छह आतंकी फरार हो गए थे।
मुजफ्फरनगर को दहलाना चाहते थे आतंकी
खंडवा जेल से फरार प्रतिबंधित संगठन सिमी से जुड़े आतंकी अमजद, असलम, एजाजुद्दीन, महबूब, सालिक और जाकिर हुसैन की मंशा मुजफ्फरनगर विस्फोट कर देश को दहलाने की थी। ये खंडवा में एटीएफ जवान सीताराम यादव हत्याकांड में शामिल थे। इस मामले का ट्रायल पूरा हो चुका था। फैसला होना था। इन छह आतंकियों सहित आठ आरोपी 13 अक्तूबर 2013 को शौचालय की खिड़की तोड़कर बाहर निकले और उसके बाद चादरों से रस्सी बनाकर सभी जेल की दीवार फांदकर फरार हो गए थे।
गिरफ्तार किए गए थे मददगार
आतंकियों की मदद में जिले के आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया था। तीन की जमानत हो गई थी। जबकि मददगारों में शामिल हुस्ना, फुरकान, नदीम, अब्दुल्ला और रईस को साल 2015 में बिजनौर जेल से लखनऊ जेल स्थानांतरित कर दिया गया था।