गोरखपुर में ऐसी रूठीं वर्षा रानी, 11 साल में बरसा सबसे कम पानी

Getting your Trinity Audio player ready...

गोरखपुर में इस साल वर्षा रानी ऐसी रूठीं कि 11 वर्षों बाद जनपद में कम पानी बरसा है। हालात ऐसे हो गए हैं कि तीन दिन बाद सावन शुरू होने वाला है और गर्मी जेठ महीने जैसी पड़ रही है। बारिश नहीं होने से किसान धान की रोपाई नहीं कर पा रहे हैं। जिन्होंने रोपाई कर दी है, उनके लिए उसकी सिंचाई भारी पड़ रही है।

मौसम के जानकारों के अनुसार, आमतौर पर एक से 10 जुलाई के बीच 100 मिलीमीटर से अधिक बारिश हो जाती है, लेकिन इस बार जिले में केवल 11 मिलीमीटर बारिश हुई है। इससे पहले, साल 2010 में 17 मिलीमीटर बारिश हुई थी। वहीं, साल 2020 में एक से 10 जुलाई के बीच 203 और 2021 में 109.8 मिलीमीटर बारिश हुई थी।

Gorakhpur Monsoon

कम बारिश होने से शहर से लेकर देहात तक के लोग परेशान हैं। शहर के लोग उमस भरी गर्मी से परेशान हैं, तो देहात में किसानों की चिंता बढ़ गई है। किसान धान की रोपाई नहीं कर पा रहे हैं। यदि किसी ने रोपाई कर दी है तो उसकी फसल सूखने लगी है। कई किसान सिंचाई करके फसल बचाने की जुगत लगा रहे हैं। किसानों को फसल बचाने के लिए 2500 से 3000 रुपये प्रति एकड़ सिंचाई पर खर्च करना पड़ रहा है। धान के अलावा अन्य फसलों पर भी असर पड़ने लगा है।

Gorakhpur Monsoon

उधर, मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि मानसून की ट्रफ लाइन मध्यप्रदेश तक आते-आते कमजोर पड़ जा रही है। इस वजह से इस बार गोरखपुर समेत पूरे पूर्वी उत्तर प्रदेश में बारिश नहीं हो रही है।

मौसम विशेषज्ञ कैलाश पांडेय ने कहा कि सामान्य तौर पर एक से 10 जुलाई तक 100 मिलीमीटर तक बारिश हो जाती है। लेकिन, इस बार इस अवधि में मात्र 11 मिलीमीटर बारिश हुई है।

Monsoon 2022

पिछले वर्षों में एक से 10 जुलाई के दौरान कुछ यूं हुई बारिश

  • वर्ष     बारिश
  • 2022  11.4
  • 2021  109.8
  • 2020  203.0
  • 2019  133.0
  • 2018  135.0
  • 2017  309.4
  • 2016  164.3
  • 2015  143.0
  • 2014  137.0
  • 2013  160.0
  • 2012  153.0
  • 2011  208.0
  • 2010  17.0
  • 2009  341.0
  • 2008  112.0
  • 2007  18.0
  • 2006  23.0

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *