आत्महत्या समाधान नहीं अनेक समस्याओं की जननी है:डॉ उत्तम

Getting your Trinity Audio player ready...

जौनपुर समाज में आए दिन आत्महत्या दिन आत्महत्या की खबरें सुनने को मिलती रहती है आखिर इन आत्महत्याओं के पीछे क्या कारण है इसको लेकर वर्ल्ड सुसाइड प्रीवेंशन डे पर मंगल क्लीनिक पर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी को संबोधित करते हुए डॉक्टर उत्तम कुमार गुप्ता ने सुसाइड के कारण उनका बचाव कैसे किया जाए उसके बारे में विस्तार पूर्वक बताया।
आत्महत्या करने के कारण
1.कार्य के दबाव के कारण चिंता
2. दूसरों के द्वारा निंदा किए जाने पर
3. उच्च स्थान की प्राप्ति के लिए दबाव
4. शारीरिक परेशानियों से परेशान व्यक्ति
5. घरेलू हिंसा
6. मादक पदार्थों का सेवन करना आदि बहुत से कारण
‌आत्महत्या करने के लक्षण
1. बार-बार मरने की इच्छा व्यक्त करना
2. नकारात्मक विचार आना और यह कहना जी कर क्या करूंगी
3. दोष की भावना व्यक्त करना
4. मेरी समस्या का कोई समाधान नहीं है ना कोई मेरी सहायता करने वाला है
5. मित्रों व परिवार से दूरी बनाना
6. अपनी क्षमता पर शक करना
इस तरह के विचार व्यक्त करने वाले व्यक्ति आत्महत्या करने की तरफ संकेत देते हैं यदि ऐसे लक्षण किसी व्यक्ति में दिखाई दे तो तीन सवाल जरूर पूछें
1. आप आत्महत्या कब करेंगे-यदि व्यक्ति ऐसा समय बताएं जिस समय आस पास कोई ना हो तो उसके द्वारा आत्महत्या करने की संभावना अधिक होती है और यदि वह कहे कि जब समय आएगा तब देखा जाएगा तो इसका मतलब है ऐसा व्यक्ति द्वारा आत्महत्या करने की संभावना कम है।
2. कैसे करेंगे-यदि स्पष्ट साधनों का उल्लेख करें जैसे गोली मार लूंगा फांसी कर लूंगा रेल से कट जाऊंगा आदि और यह साधन आसानी से उपलब्ध है तो समझना चाहिए की संभावना बहुत अधिक है।
3. आप आत्महत्या क्यों करना चाहते हैं-यदि उसमें तीन भावना दिखाई दे निराशा जीवन की मूल्य हिंसा और सहायता का कोई आसरा न दिखे तो उसे आत्महत्या का जोखिम बहुत ज्यादा है
ऐसी स्थिति में तुरंत विशेषज्ञों की राय लेनी चाहिए।
आत्महत्या का प्रबंधन
1. व्यर्थ की चिंताओं से दूर रहने के बारे में सूचना
2. वास्तविकता को स्वीकार करना
3. अपनी क्षमताओं का सही आकलन करके उसी के अनुरूप अपने लक्ष्य का निर्धारण करना
4.रूचि वह शौक के लिए भी पर्याप्त समय एवं संसाधन उपलब्ध कराना
5. सकारात्मक सोचना
6. अपने पर विश्वास रखना
7. दूसरों का तथा दूसरे के विचारों का सम्मान करना
8. कार्यों को योजना एवं समय से करने का प्रयास करना
9. नियमित योग एवं ध्यान करना
10. जो भी बातें आपको परेशान कर रही हो उसे अपने मित्र परिवार में सदस्यों के साथ साझा करना। हम सब को यह सीखना चाहिए कि कोई भी काम असंभव नहीं है जो भी ईमानदारी से धैयपूर्वक करेगे तभी कार्य संभव हो पाएंगे जिससे हमारा प्रेशर कम होगा और हम आत्महत्या के विचारों से लोगों को बचा पाएंगे व खुद भी बच पाएंगे।
इस अवसर पर क्लीनिक के मैनेजर शशि पांडे व क्लीनिक के सभी स्टाफ सनी उपाध्याय, दीपक, अजय, त्रिलोकी, रमाकांत यादव आदि लोग उपस्थित रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *