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प्रदेश में सात लाख से ज्यादा किसान ऐसे हैं जिन्होंने फर्जीवाड़ा कर प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ लिया है। भूलेख सर्वे में यह खुलासा हुआ है। ऐसे किसानों से रिकवरी की जा रही है। अब तक कुल 26 करोड़ वसूल जा चुके हैं। इन किसानों को निधि के 12वीं किस्त भी नहीं दि जाएगी।
निधि वितरण में लगातार मिल रही गड़बड़ियों पर सरकार भूलेख सर्वे करा रही है। सर्वे तहसील स्तर पर राजस्व की टीमें कर रही हैं। वहीं, इस योजना के तहत बीते दिनों 11 वीं किस्त जारी हुई थी। इसके तहत प्रदेश के 2.6 करोड़ किसानों को 51,640 करोड़ रुपये दिए गए थे।
अब 12वीं किस्त के रूप में मिले 48,324 करोड़ रुपये का वितरण किया जा रहा है। साथ ही साथ सर्वे का भी काम चल रहा है। इसमें सामने आया है कि यूनीक नंबर धारक किसानों की संख्या सत्यापन से पूर्व प्रदेश में 2,17,98,596 थी। सत्यापन के बाद 2,10,87,849 का डाटा ही सही पाया गया है। इसी को रिकॉर्ड में शामिल किया गया है, जबकि कुल 7,10,747 किसानों को अपात्र माना गया है।
पति-पत्नी दोनों ले रहे थे सम्मान निधि
ऐसे अपात्र कई बार निधि से पैसा पा चुके हैं। ऐसे में यह आंकड़ा भी जुटाया जा रहा है कि वास्तव में कितनी रकम इन किसानों को जारी हो चुकी है। यह निर्देश भी दिए गए हैं कि अपात्र खुद भी निधि सरेंडर कर सकते हैं। कई अपात्र ऐसे भी मिले हैं जो पति-पत्नी दोनों की निधि ले रहे थे।