मुक्ति फाउंडेशन के द्वारा आयोजित महिला दिवस समारोह सम्पन्न

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महाराष्ट्र की धरती पर संचालित व राष्ट्रीय स्तर पर सामाजिक उत्थान व महिला और बाल कल्याण

 

के साथ-साथ कला और संस्कृति के क्षेत्रों में लगातार काम कर रहे ‘मुक्ति फाउंडेशन’ के द्वारा पिछले दिनों अंधेरी (वेस्ट),मुम्बई स्थित मुक्ति प्रेक्षागृह में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में आयोजित महिला दिवस समारोह अनुपम खेर, दुलारी खेर, रवीना टंडन, वीर सेनानी फाउंडेशन, मंजू लोढ़ा, अरुणा ईरानी, मेजर जनरल एच.एस. काहलों, मेजर जनरल विक्रांत नाइक और अलाया एफ की उपस्थिति में सम्पन्न हुआ। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अपने संबोधन मेंसमाजसेविका स्मिता ठाकरे और मुक्ति फाउंडेशन के द्वारा जनहित में किये जा रहे कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि वह अपनी बहनों के लिए हमेशा मौजूद रहेंगे और ‘मुक्ति फाउंडेशन’ के प्रयासों में उनका समर्थन और सहयोग करेंगे।

 

‘मुक्ति फाउंडेशन’ की प्रस्तावित योजनाओं की विस्तृत चर्चा करते हुए स्मिता ठाकरे ने कहा कि हम मानते हैं कि महिलाएँ  ही महिलाओं को सशक्त बनाती हैं, इसलिए हमारे पास ऐसी महिलाएँ हैं जो अन्य विभिन्न क्षेत्रों में

 

सफल लोगों को आगे बढ़ाने में सफलता पाई हैं और प्रगति के लिए हाथ थामना बहुत जरूरी है। हमें अभी भी एक लंबा रास्ता तय करना है, क्योंकि भारत में अधिकांश महिलाएं शिक्षा की कमी, कुपोषण, घरेलू हिंसा, बाल विवाह, बाल श्रम, कन्या भ्रूण हत्या, दहेज, घर में और कार्यस्थल पर लिंग भेदभाव आदि से पीड़ित हैं। इसलिए महिला सशक्तिकरण की आवश्यकता अत्यंत महत्वपूर्ण है।

 

कार्यक्रम के दौरान देश के लिए जिन शहीदों ने अपने जान की कुर्बानी दी उन्हें भी ‘मुक्ति फाउंडेशन’ ने सलाम किया और उनके परिवारवालों को मुक्ति वीर नारी पुरस्कार से सम्मानित किया जिसमें पूनम चंद्रकांत जाधव, प्रियंका नीलेश खोट, सुषमा संग्राम फडतारे, संकपाल मयूरी अनिल, उज्ज्वला संजय माने, मुले अश्विनी मछिंद्र, प्रेमला सचिन जाधव, नंदा दिलीप पडवाल, रानी सुधीर निकम, सुवराना सुजीत किरदत और प्रियंका सोमनाथ मंधारे के नाम उल्लेखनीय हैं। सामाजिक उत्थान हेतु उच्चस्तरीय कार्यों के लिए ‘मुक्ति महिला अचीवर पुरस्कार’ से डॉ. अनुषा श्रीनिवासन अय्यर, शीतल कार्देकर, अंकिता वर्मा, डॉ. तृप्ति गिलाडा, अनीता पीटर, एडवोकेट प्रिया शाह, एलटी सीडीआर तनु, एमएजे दिव्या अदिति नायक, लता घनशमनी और सर्जन सीडीआर शाजिया खान को भी नवाजा गया। पुरस्कारों के बीच-बीच में लोक संगीत, कथक और अन्य बातों के अलावा एक उत्साही लावणी सहित सांस्कृतिक कार्यक्रम ने भी इस महिला दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए। विदित हो कि पिछले 25 वर्षों से ‘मुक्ति फाउंडेशन’

 

नशीली दवाओं के दुरुपयोग, एचआईवी/एड्स से संबंधित जन जागरूकता अभियान जारी रखते हुए महिला और बाल कल्याण एवं कला और संस्कृति के क्षेत्रों में कल्याणकारी योजनाओं के साथ गतिशील है।

 

प्रस्तुति : काली दास पाण्डेय

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