झटका: पीएफ जमा नहीं करने पर नोएडा की 1250 कंपनियां डिफॉल्टर, पैसा जमा नहीं कराया तो होगी एफआईआर

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कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने इस वर्ष अब तक 80 हजार कर्मचारियों का प्रोविडेंट फंड (पीएफ) नहीं जमा कराने वाली 1250 कंपनियों को डिफॉल्टर घोषित किया है। इन पर कार्रवाई के रूप में 22 से 27 प्रतिशत तक पेनाल्टी लगाई जा रही है। साथ ही नोटिस जारी कर जल्द से जल्द कर्मचारियों का पीएफ जमा कराने की चेतावनी दी गई है।

इसके बाद भी इन कंपनियों ने पैसा जमा नहीं कराया तो विभाग जांच कर इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएगा। जिले में कुल 31,093 कंपनियां पीएफ विभाग में पंजीकृत हैं। इनके 9,66,818 कर्मचारी पीएफ विभाग के नियमित उपभोक्ता हैं।

संगठन के रीजनल असिस्टेंट कमिश्नर रविंद्र कुमार बताते हैं कि कंपनियों पर कर्मचारियों के पीएफ में गड़बड़ी करने और समय पर पीएफ नहीं जमा कराने का आरोप है। अगर कंपनियां दोषी पाई गईं तो जुर्माने के साथ एक साल की सजा भी हो सकती है। ईपीएफओ हर महीने अपने ग्राहकों को पीएफ खाते में जमा किए जाने वाले पैसे की जानकारी एसएमएस अलर्ट के जरिए देता है। कोई कर्मचारी चाहे तो हर महीने ईपीएफओ पोर्टल पर लॉगिन करके भी अपने पीएफ खाते का बैलेंस जान सकता है।

इससे पता लग जाएगा कि खाते में पैसे जमा हो रहे हैं या नहीं। अगर कर्मचारी को पता चल जाए कि उसके पीएफ के साथ गड़बड़ी हो रही है तो ऐसी स्थिति में उसे ईपीएफओ में शिकायत दर्ज करानी होगी। इसके बाद ईपीएफओ उस नियोक्ता की जांच करेगा। जांच में यह बात साफ हो जाए कि कंपनी ने पैसा काटा, लेकिन पीएफ खाते में जमा नहीं कराए तो ईपीएफओ कानूनी कार्रवाई करेगा।

पीएफ अकाउंट में कंपनी और कर्मी दोनों देते हैं योगदान

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के तहत कर्मचारियों के पीएफ अकाउंट खोले जाते हैं। इस अकाउंट में नियोक्ता यानी कंपनी और कर्मचारी दोनों को कंट्रीब्यूशन देना होता है।  ईपीएफओ के नियम के मुताबिक, नियोक्ता और कर्मचारी की ओर से पीएफ खाते में हर महीने बेसिक सैलरी और डीए का 12-12 प्रतिशत पैसा जमा कराया जाएगा।

नियोक्ता की 12 फीसदी हिस्सेदारी में 8.33 प्रतिशत एंप्लाई पेंशन स्कीम में जमा होता है और बाकी का 3.67 फीसदी पीएफ खाते में जाता है। पिछले महीने की सैलरी जारी होने के 15 दिनों में कंपनी को पीएफ खाते में पैसा जमा कराना जरूरी है।
यह कंपनियां डिफॉल्टर
संगठन के अधिकारियों का कहना है कि डिफॉल्टरों की सूची में बीपीओ के अलावा मैन्यूफैक्चरिंग, सर्विस और बिजनेस सेक्टर की कंपनियां भी शामिल हैं। इन सभी कंपनियों की जांच की जा रही है। जांच पूरी होने पर विभाग कार्रवाई करेगा। कई कंपनियों की जांच पूरी हो चुकी है।

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