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50 रुपये में 15 लीटर तेल, सोशल मीडिया पर चल रहा ठगी का खेल
– साइबर ठगों ने फेसबुक-व्हाट्सएप पर सजाया ठगी का बाजार
– नकली वेबसाइट के एक पेज पर दिए हैं दो कंपनियों के नाम
ग्रेटर नोएडा। नामी कंपनियों के नाम का इस्तेमाल कर सोशल मीडिया पर ठगी का खेल चल रहा है। अधिक डिस्काउंट और उपहार का झांसा देकर लोगों को ठगी का शिकार बनाया जा रहा है। आरोपी नकली वेबसाइट बनाकर 15 लीटर तेल, दस किलो दाल और एक लीटर देशी घी मात्र 49 रुपये में देने का ऑफर दे रहे हैं। अन्य घरेलू जरूरत व ग्रॉसरी के सामान पर भी भारी छूट का झांसा दिया जा रहा है। कई लोग आरोपियों के झांसे में आकर पेज पर क्लिक कर ऑनलाइन भुगतान कर देते हैं। लेकिन उन्हें न तो सामान मिल रहा है और न ही उनके रुपये वापस मिल रहे हैं। बिगबाजार, डी-मार्ट आदि की नकली वेबसाइट बनाकर ठगी करने वाले गिरोह को ग्रेनो वेस्ट से पुलिस ने गिरफ्तार किया था। अब इसी तरह का गिरोह फिर से सक्रिय हो गया है।
गर्मियों की छुट्टियों में लोग अपने घर की जरूरत व घूमने आदि जाने के लिए शॉपिंग कर रहे हैं और टूर पैकेज तलाश रहे हैं। ऐसे लोगों को जाल में फंसाने के लिए साइबर ठगों ने नामी कंपनी के नाम से नकली वेबसाइट तैयार कर ली हैं। गिरोह फेसबुक पर पेज बनाकर इन्हेें स्पांसर्ड कराकर अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचने का प्रयास कर रहे हैं। आरोपी पेज पर अधिक डिस्काउंट का झांसा देकर लोगों को ऑनलाइन आर्डर व भुगतान करा रहे हैं। इसके अलावा आरोपी व्हाट्सएप व टेलीग्राम के माध्यम से भी ऑनलाइन शॉपिंग के जाल में फंसाकर ठगी का भी प्रयास कर रहे हैं।
चार अप्रैल को गौतम बुद्ध नगर की साइबर सेल हेल्पलाइन टीम ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया था जो नामी कंपनी की नकली वेबसाइट बनाकर लोगों को ठगी का शिकार बनाते थे। गिरोह फर्जी वेबसाइट का ऐड फेसबुक आदि सोशल मीडिया पर देकर लोगों की निजी जानकारी हासिल कर लेता था। जब पीड़ित सामान डिलिवर नहीं होने पर आरोपियों से संपर्क करते थे तो आरोपी उनका रुपया वापस करने का झांसा देकर उनके खाते आदि की जानकारी हासिल कर ठगी कर लेते थे। पुलिस टीम ने आई-10 कार में सवार गिरोह के गाजियाबाद के ऐसोटेक सोसाइटी निवासी विनीत कुमार, ध्रुव सोलंकी, श्याम एंक्लेव निवासी गौरव तालान, बादलपुर छपरौला निवासी सलमान, संतोष मौर्य, आशुतोष मौर्य को गिरफ्तार किया था। जबकि तुषार और शाहरुख नाम के आरोपी फरार हैं।
अगर ये खामी दिखे तो करें पड़ताल
– नकली वेबसाइट पर अधिक डिस्काउंट देने का झांसा दिया जाता है।
– नकली वेबसाइट की क्वालिटी काफी निम्न स्तर की होती है।
– कंपनी के नाम के आगे टिक नहीं लगा है या कॉपी किया हो सकता है।
– एक से अधिक कंपनी के नाम का इस्तेमाल किया हो सकता है।
– पेमेंट देने के बाद भी डिलिवरी नहीं हो तो निजी जानकारी मांग सकते हैं।
– इंटरनेट पर ट्रैफिक अधिक होने की कॉल कर लिंक भेज सकते हैं।