गांधी दर्शन एवं स्मृति दिल्ली के पूर्व निदेशक श्री दीपांकर श्री ज्ञान जी आज नही रहे*

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*गांधी दर्शन एवं स्मृति दिल्ली के पूर्व निदेशक श्री दीपांकर श्री ज्ञान जी आज नही रहे*

ब्यूरो चीफ आर एल पाण्डेय

नई दिल्ली। गांधी समाधि राजघाट के पास केंद्र सरकार के उपक्रम के रूप में गांधी दर्शन जहां गांधी के जीवन के कार्यों और गतिविधियों को जीवंतता देने हेतु दर्शाया गया है और उन प्रकल्पों में नए नए शोध भी होते रहते हैं और गांधी स्मृति जो बिरला हाउस के नाम से थी । वहां पर गांधी जी ने अंतिम सांस हे राम कहकर ली थी। इन दोनो पुण्य स्थानों की व्यवस्था गांधी दर्शन एवं स्मृति समिति ही करती है ।जिसके अध्यक्ष माननीय प्रधानमंत्री जी पदेन होते हैं और उपाध्यक्ष कोई सामाजिक व्यक्ति होता रहा है। वर्तमान में श्री विजय गोयल जी है। इसी में निदेशक पद पर चयन की प्रक्रिया है। जिस पर सामाजिक क्षेत्र के जाने माने व्यक्ति और रांची झारखंड से जुड़े श्री दीपांकर श्री ज्ञान जी पूर्व में आसीन रह चुके हैं।वर्तमान में वे झारखंड भवन में थे। कस्तूरबा कुटीर हरिजन सेवक संघ की कल्पना को संजोने वाली आदरणीय हिना चक्रवर्ती ने बताया कि आज सबेरे आठ बजे श्री दीपांकर जी ने एम्स दिल्ली में अंतिम सांस ली।वह काफी दिनो से बीमार चल रहे थे। उनका बेटा रांची में वकालत कर रहा है और बेटी दिल्ली में इंटर की पढ़ाई कर रही है
जैसे ही उनके निधन की सूचना सामाजिक जगत से जुड़े लोगों को विनोबा विचार प्रवाह से मिली सबसे पहले श्री रामचंद्र राही जी अध्यक्ष राष्ट्रीय गांधी स्मारक निधि ने जयपुर से फोन कर अपनी श्रद्धांजलि दी।उसके बाद सर्व सेवा संघ के पूर्व अध्यक्ष डा सुगन बरंट, श्री संजय राय सचिव हरिजन सेवक संघ एवं अनेक मित्रों ने अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। उनका अंतिम संस्कार आज ही निगम बोध घाट पर संपन्न हुआ जिसमें हरिजन सेवक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ शंकर कुमार सान्याल उपाध्यक्ष श्री लक्ष्मी दास और श्री नरेश यादव , गांधी समाधि समिति के श्री रजनीश कुमार आदि स्वयं संस्कार में उपस्थित रहे। गांधी दर्शन समिति से जुड़ी हिना बहन के साथ हरी कुटीर में एक शोक सभा भी हुई जिसमें बंगाल की प्रदेश अध्यक्ष श्रीमती शिखा सान्याल , राष्ट्रीय सचिब उर्मिला श्रीवास्तव , दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष श्री भगवान शर्मा , q, श्री शंभू भाई प्रभाकर जी ,सुमित जोशी राहुल जी ,श्रीमती रूपा ज्योत्सना बहन आदि ने श्रद्धांजलि दी। विनोबा विचार प्रवाह के सूत्रधार रमेश भइया ने श्री दीपांकर जी को श्रद्धांजलि देते हुए उनके मृदुल व्यवहार का स्मरण किया। हिना बहन ने उनके जीवन के अनेक संस्मरण भी बताए।

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