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प्रथम 03 माह में 7665 प्रकरणों में 10487 अभियुक्तों को सजा दिलायी गयी, जो एक रिकॉर्ड है:डीजीपी
गत वर्षों की तुलना में सजा में 400% से 1000% की वृद्धि हुई :डीजीपी
ब्यूरो चीफ आर एल पाण्डेय
लखनऊ। मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश द्वारा अपराध, अपराधियों एवं माफियाओं के विरूद्ध जीरो ‘टॉलरेंस की नीति तथा अपराध होने पर उनकी शीघ्र गिरफ्तारी एवं न्यायालय में प्रभावी पैरवी कर उनको कठोर सजा सुनिश्चित कराए जाने के निर्देश दिए गए है। इस पर और बल देते हुए मिशन मोड में कार्यवाही किये जाने के उद्देश्य से प्रदेश में अपराध एवं अपराधियों पर प्रभावी नियंत्रण रखने, अपराधियों के विरूद्ध मा) न्यायालय में विचाराधीन मुकदमों की पैरवी कर अधिकाधिक सजा कराये जाने के उद्देश्य से पलिस मुख्यालय स्तर से दिनांक 01 जुलाई, 2023 से प्रदेश में “ऑपरेशन कन्विक्शन” अभियान आरम्भ किया गया-
1. अभियान के दौरान प्रथम 03 माह में 7665 प्रकरणों में 10487 अभियुक्तों को सजा
दिलायी गयी, जो एक रिकॉर्ड है।
2. गत वर्षों की तुलना में सजा में 400% से 1000% की वृद्धि हुई है ।
3. अभियान के मात्र 03 माह में
• 02 आतंकियों समेत 10 अभियुक्तों को मृत्युदण्ड ।
1142 अभियुक्तों को आजीवन कारावास । • 189 अभियुक्तों को 20 वर्ष की सजा ।
722 अभियुक्तों को 10 वर्ष या अधिक की सजा ।
बालिकाओं के साथ बलात्कार के कई मामलों में मात्र 03 माह में फाँसी या कारावास की सजा कराई गई है।
4. सजा का प्रतिशत 35% से बढ़कर 90% हुआ । पुलिस मुख्यालय स्तर पर दिनांक 01.07.2023 से अपराध पर प्रभावी नियन्त्रण हेतु Operation Conviction आरम्भ किया गया। इस हेतु अपर पुलिस महानिदेशक, एटीएस उत्तर प्रदेश, मोहित अग्रवाल को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया।अपर पुलिस महानिदेशक, एटीएस उत्तर प्रदेश, मोहित अग्रवाल के निकट पर्यवेक्षण में एक कन्विक्शन पोर्टल बनाया गया है, जिस पर प्रतिदिन न्यायालय द्वारा दण्डित प्रकरणों के सम्बन्ध में सूचनाएं अपडेट की जाती है। साथ ही इस पोर्टल पर अगले एक सप्ताह में किन- किन मामलों की सुनवाई न्यायालय द्वारा की जानी है और किन-किन गवाहों को पेश कराया जाना है, इसकी सूचना भी सम्बन्धित जनपदों द्वारा अपडेट की जाती है। उक्त सूचना के आधार पर सम्बन्धित जनपद गवाहों को न्यायालय में पेश कराना सुनिश्चित करते हैं, जिसकी मॉनिटरिंग सम्बन्धित पुलिस अधीक्षक, नोडल अधिकारी एवं पुलिस महानिदेशक, मुख्यालय द्वारा स्वयं की जाती है।
पुलिस मुख्यालय द्वारा प्रदेश के समस्त जनपद प्रभारियों की video conference कर प्रत्येक जिले में एक “Monitoring Cell गठित करने के निर्देश दिए गये एवं प्रत्येक पुलिस आयुक्त / पुलिस अधीक्षक को महिला उत्पीड़न / बलात्कार / POCSO एवं सनसनीखेज अपराध के मुकदमे चिह्नित कर, चिह्नित मुकदमों में प्रभावी पैरवी कर अपराधियों को सजा दिलाने के निर्देश दिये गये। इस क्रम में सम्पूर्ण प्रदेश में गम्भीर / सनसनीखेज अपराध के 5163 प्रकरण, महिला उत्पीड़न / POSCO के 14903 प्रकरण व माफियाओं से सम्बन्धित 686 प्रकरण त्वरित सजा दिलाने हेतु चिह्नित किए गये।
पुलिस मुख्यालय स्तर से इस सम्बन्ध में प्रतिदिन monitoring की गयी व सभी पुलिस आयुक्त/पुलिस अधीक्षकों को भी प्रतिदिन monitoring करने के निर्देश दिए गये।
इन सभी प्रकरणों को माननीय न्यायालय में प्रभावी पैरवी कर वरीयता क्रम में सुनवाई हेतु लगवाया गया एवं सुनिश्चित किया गया कि जिन गवाहों को माननीय न्यायालय द्वारा गवाही हेतु बुलाया गया है, वह समय से माननीय न्यायालय में प्रस्तुत हों । जिलों में थानाध्यक्षों, विवेचकों, अभियोजन अधिकारी व सरकारी वकीलों की भी नियमित बैठकें की गयी।
उक्त प्रयासों के परिणामस्वरूप अभियान के प्रथम 03 माह (01.07.2023 से 06.10.2023) के मध्य 7665 मुकदमों में 10487 अपराधियों को माननीय न्यायालय द्वारा सजा सुनाई गयी। इसमें 10 अभियुक्तों को मृत्युदण्ड, 1142 अभियुक्तों को आजीवन कारावास, 189 अभियुक्तों को 20 वर्ष की कैद, 722 अभियुक्तों को 10 वर्ष से अधिक की कैद व 8424 अभियुक्तों को 01 से 10 वर्ष की कैद सुनाई गयी है। इसमें वह सजाएं सम्मिलित नहीं हैं, जिनमें माननीय न्यायालय द्वारा केवल अर्थदण्ड / जुर्माना लगाया गया है।गत वर्षों की तुलना में सजाओं की संख्या में रिकॉर्ड वृद्धि हुई है। वर्ष 2020 की प्रतिमाह सजाओं की संख्या में लगभग 10 गुना, 2021 की तुलना में लगभग 6 गुना व 2022 की तुलना में लगभग 4 गुना वृद्धि हुई है।