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मंगल सेनापति के घर आए राजा सूर्य देव
वृश्चिक संक्रांति पर दान करने से कष्टों से छुटकारा मिलता है
ब्यूरो चीफ आर एल पाण्डेय
लखनऊ। ज्योतिष हर उस घटक
को संज्ञान में लेता है, जिसका जीवन से जुड़ाव होता है। वैसे तो प्रत्येक ग्रह राशि परिवर्तन करते रहते हैं, परंतु सूर्य की संक्रांति प्रभावशाली और पुण्य-दायिनी होती है, क्योंकि सूर्य का राशि परिवर्तन जड़-चेतन सबको प्रभावित करता है। सूर्य के वृश्चिक राशि में प्रवेश की घटना ज्योतिष के शब्दों में ‘वृश्चिक संक्रांति’ कहलाती है, जो मानव चेतना के विकास के लिए जरूरी है। जैसे पृथ्वी पर प्रत्येक व्यक्ति के मित्र, शत्रु और सम संबंध रखने वाले व्यक्ति होते हैं, उसी प्रकार ग्रहों का आपस में संबंध होता है। वृश्चिक राशि का स्वामी मंगल ग्रह है। सूर्य और मंगल का संबंध परम मित्र का है, इसलिए वृश्चिक संक्रांति पर स्नान-दान आदि ग्रह कष्ट निवारण कर दुर्भाग्य को दूर करता है। सूर्य अपने परम मित्र मंगल की राशि में प्रवेश कर जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाता है। वृश्चिक राशि संवेदनशील राशि है, इसलिए इस राशि में सूर्य एक माह रहकर अनुसंधान, अंतरज्ञान और प्रतिभाओं को विकसित करते हैं।
वृश्चिक संक्रांति 16 नवंबर से पुण्यकाल 17 नवंबर के मध्याहन तक रहने वाला है। ज्योतिषायन के आचार्य श्री दीपक दुबे ने बताया कि पुण्यकाल में प्रत्येक राशि वाले अपनी राशि के स्वामी से संबंधित वस्तुओं अथवा गेहूं तथा मौसमी फलों का दान कर सकते हैं। संक्रांति के दिन स्नान-दान के साथ ध्यान- साधना द्वारा तन-मन की शुद्धि, जीवन में अनावश्यक आए रोग-शोक का निवारण करती है। ग्रहों के गोचर और व्यक्तिगत जन्म कुंडली में चल रही महादशा, अंतर्दशा के प्रभाव के साथ वृश्चिक संक्रांति का प्रभाव 12 राशियों पर अलग-अलग हो सकता है।
*मेष :* इस राशि वालों को वृश्चिक संक्रांति से एक माह विशेष सावधानी रखनी चाहिए। वाद-विवाद, अपमान, चोट, खर्च संभव है। गुड़ का दान श्रेयस्कर रहेगा।
*वृष :* सूर्य के वृश्चिक राशि में जाने से दांपत्य जीवन में वैमनस्य की उत्पत्ति होती है। चीनी और चावल का दान लाभकारी है।
*मिथुन :* सूर्य का परिवर्तन कार्य सिद्धि, शत्रुओं पर विजय प्रदान करेगा। मान-सम्मान में वृद्धि के योग हैं। हरी सब्जी अथवा हरी दाल का दान करें। *कर्क :* इस संक्रांति के प्रभाव से कर्क राशि वालों को मानसिक भ्रम उत्पन्न . हो सकता है,इसलिए एक माह सावधानीपूर्वक कार्य अपेक्षित है। बताशा अथवा मिसरी का दान करें।
*सिंह :* मानसिक और शारीरिक व्यथा की संभावनाएं हैं।पारिवारिक उलझनों के कारण सुख में कमी आ सकती है। लाल वस्त्र में गेहूं रखकर दान व्यथा से मुक्ति दिलाएगा।
*कन्या :* रोगों से मुक्ति, सुख चैन,शुभ फल मिलेगा। शत्रु पर विजय एवं लक्ष्मी की प्राप्ति होगी। हरी इलायची को हरे वस्त्र में रखकर दान करें।
*तुला :* सूर्य के वृश्चिक राशि में प्रवेश के कारण एक माह तुला राशि के जातकों को मिश्रित फल मिलेगा। धनागमन होगा, मित्रों और संबंधियों से झगड़े की संभावनाएं हैं। सुगंधित धूप, अगरबत्ती अथवा कपूर का दान श्रेयस्कर रहेगा।
*वृश्चिक :* सूर्य का वृश्चिक राशि में प्रवेश रचनात्मक कार्यों से यश प्राप्ति एवं यात्रा का योग बना रहा है। अध्यात्म आदि क्षेत्रों में विशेष
रुचि उत्पन्न होगी। गुड़ सहित लाल ध्वजा का दान विजयश्री दिलाएगा।
*धनु :* सूर्य राशि परिवर्तन के कारण विदेश का भ्रमण होगा। व्यय अधिक और दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। धार्मिक पुस्तकों का दान करें।
*मकर :* इस राशि वालों को लाभ, धन, नवीन पद और बड़ों का अनुग्रह प्राप्त होगा। गरीबों की मदद कर पुण्य बल अर्जित करें।
*कुंभ :* धन, स्वास्थ्य, मित्र आदि का सुख प्राप्त होगा। पदोन्नति, मान- सम्मान और गौरव प्राप्त होगा। काली उड़द की दाल का दान करें।
*मीन :* बिगड़े काम बनने लगेंगे, भाग्य का साथ नए अवसरों का सृजन करेगा। धार्मिक स्थल पर पीली वस्तुओं अथवा केले आदि का दान करें।