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केनरा बैंक संस्थापक श्री अम्मेम्बल सुब्बा राव पई (19 नवम्बर संस्थापक दिवस) पर केनरा बैंक लखनऊ अंचल कार्यालय के वरिष्ठ प्रबंधक सर्व मित्र भट्ट ने सुनाएं प्रेरक प्रसंग
ब्यूरो चीफ आर एल पाण्डेय
लखनऊ। केनरा बैंक लखनऊ अंचल कार्यालय के वरिष्ठ प्रबंधक सर्व मित्र भट्ट ने कहा कि श्री अम्मेम्बल सुब्बा राव पई (1852-1909) मंगलौर, भारत के एक अग्रणी वकील थे। वे केनरा बैंक, जो अब भारत का एक प्रमुख बैंक है और मंगलौर में केनरा उच्च विद्यालय के संस्थापक थे। मंगलौर के निकट मुल्की में 19 नवम्बर 1852 को जन्मे अम्मेम्बल सुब्बा राव पई ने सरकारी उच्च विद्यालय, मंगलौर से अपनी आरंभिक शिक्षा की और अपनी मां के असामयिक निधन का उन पर इतना अधिक असर पड़ा कि वे अपनी पढाई को गंभीरतापूर्वक लेने लगे। एफए परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद, उनके पिता ने उन्हें उच्च शिक्षा के लिए मद्रास भेज दिया। प्रेसीडेंसी कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई के बाद, उन्होंने मद्रास लॉ कॉलेज में नाम लिखाया. वहां वे न्यायाधीश होलोवे के संपर्क में आये, जिनका असाधारण व्यक्तित्व उनके लिए एक लाभकारी अनुभव साबित हुआ।
1876 में, अपने पिता के निधन के बाद, वे मंगलौर चले गये और सफलतापूर्वक कानूनी प्रैक्टिस करने लगे। कहा जाता है कि वे अक्सर अपने मुवक्किलों के लिए अदालत के बाहर सौहार्दपूर्ण समझौते के प्रयास किया करते थे, हालांकि इससे कभी-कभी उन्हें अपनी फीस का नुकसान उठाना पड़ता था। 1891 में चार शिक्षकों ने, जिनसे वे मद्रास में मिले थे, मंगलौर में एक स्कूल खोलने के प्रस्ताव के साथ उनसे संपर्क किया। उसके कुछ समय बाद ही 1894 में, लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने केनरा गर्ल्स हाई स्कूल की शुरुआत की उस जमाने में महिलाओं की शिक्षा के प्रति लोगों की मनोवृत्ति और प्रचलित सामाजिक मूल्यों को देखते हुए यह निश्चित ही एक
प्रगतिशील कदम था।
20वीं सदी की शुरुआत में अर्बुथनट कंपनी की विनाशकारी दुर्घटना से प्रेरित होकर उन्होंने 1906 मेंद केनरा हिन्दू परमानेंट फंड लि. (अब केनरा बैंक) की शुरुआत की, ताकि समुदाय स्वयं अपने संसाधन जुटाने में सक्षम हो सके। गौड़ सारस्वत ब्राह्मण परिषद, जिसके वे एक संस्थापक थे, के तत्वावधान में “गरीब लड़कों के शिक्षा कोष” की स्थापना, जीएसबी समुदाय के लिए उनके महत्वपूर्ण योगदानों में एक थी।
द केनरा हिन्दू परमानेंट फंड के रूप में 1 जुलाई 1906 में 4 कर्मचारियों के साथ 50 रुपये के शेयर और रुपये 2000 की पूंजी के साथ स्व. अम्मेम्बल सुब्बा राव पई द्वारा स्थापित यह छोटा-सा बीज बढ़ते हुए 1910 में केनरा बैंक लि. के रूप में एक लिमिटेड कंपनी बन गया और राष्ट्रीयकरण के बाद 1969 में केनरा बैंक बना। श्री सुब्बा राव पै ने आम लोगों की छोटी छोटी रकम को जमा किया और उस जमा पर ब्याज देना शुरू किया जिससे लोगों में बचत की आदत पड़े। यह कार्य उन्होंने उस समय शुरू किया जब पूरा समाज महाजनों के चंगुल में फंसा हुआ था और ऐसे मे ये कार्य समाज को नई दिशा दिखाने जैसा था, उन्होने जरूरतमंदों को ऋण देकर महाजनी ऋण से मुक्ति दिलाई। संस्थापक द्वारा बनाए गए सिद्धांत में लाभ का नाम नहीं था उन्होने केवल समाज सेवा को ही प्रथम प्राथमिकता दी थी।
“एक अच्छा बैंक समुदाय का न सिर्फ वित्तीय हृदय होता है, बल्कि आम लोगों की आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए हर संभव तरीके से मदद करने का एक दायित्व भी है।” ए सुब्बा राव पई.
बैंक के बुनियादी सिद्धांत
1. अंधविश्वास और अज्ञानता को दूर करना ।. पहले सिद्धांत की तामील के लिए सबके बीच शिक्षा का प्रसार करना ।
3. मितव्ययिता और बचत की आदत विकसित करना।
4. वित्तीय संस्थान को न सिर्फ समुदाय के वित्तीय हृदय या केंद्र में, बल्कि सामाजिक हृदय या केंद्र के रूप में भी तब्दील करना।
5. जरूरतमंदों की सहायता करना।
6. सेवा और समर्पण की भावना के साथ काम करना।
7. आसपास के मनुष्यों के लिए सहानुभूति विकसित करना और कठिनाईयों तथा कष्टों को दूर करने / उनमें परिवर्तन लाने के नजरिये से परिवेश के प्रति संवेदनशीलता का विकास करना ।
ठोस बुनियादी सिद्धांत, प्रबुद्ध नेतृत्व, अद्वितीय कार्य संस्कृति और बदलते बैंकिंग माहौल के लिए उल्लेखनीय अनुकूलनशीलता ने केनरा बैंक को वैश्विक मानकों पर एक अग्रणी बैंकिंग संस्था बनने
में सक्षम बनाया
केनरा बैंक भारत की एक प्रमुख वाणिज्यिक बैंक है। भारत में इसकी स्थापना 1906 में, श्री अम्मेम्बल सुब्बा राव पई, एक महान दूरदर्शी और परोपकारी द्वारा की गयी थी इस नाते यह भारत के सबसे पुराने भारतीय बैंकों में से एक है। करीब 10000 बैंक शाखाएँ और कार्यालय मे 87000 कर्मचारियों के साथ आज केनरा बैंक भारत की तीसरी अग्रणी बैंक है। आज बैंक का कुल व्यवसाय 22 लाख करोड़ से भी ज्यादा है, जिसके पीछे कर्मठ बैंक कर्मचारियों और उच्च कार्यपालकों का अनुशासन, लगन और कुशल व्यवहार है, जिसने बेहतर ग्राहक सेवा प्रदान कर ग्राहकों का दिल जीतने का काम किया। अभी तक 9675 शाखाओं के नेटवर्क की मदद से बेहतर ग्राहक सेवा देने से ग्राहकों के मुख प्रचार से और ग्राहक जुडते चले गए और जून 2023 तक 11.10 करोड़ ग्राहकों का कारवां बन गया। आज 12165 ए टी एम की मदद से बैंक के ग्राहकों के साथ साथ अन्य वित्तीय संस्थाओं के ग्राहकों को सेवा प्रदान करने में बैंक सफल रही है।
किसान क्रेडिट कार्ड ऋण योजना की शुरुआत केनरा बैंक ने ही शुरू की थी, उस समय सभी अन्य बैंक के बीच ये धारणा बनी की केनरा बैंक कृषक ऋण देने के बाद शीघ्र ही डूब जाएगा किन्तु बैंक की किसान ऋण की सफलता को देखकर अन्य बैंक भी इस क्षेत्र में उतरने लगे। आज किसान क्रेडिट कार्ड ऋण ब्याज पर सरकार छूट भी प्रदान कर रही है।
केनरा बैंक की विभिन्न जमा योजना के अंतर्गत 52 उत्पाद हैं, खुदरा ऋण में 30, कृषि ऋण
मे 48, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एम एस एम ई) में 24, सरकार द्वारा प्रायोजित योजना
के तहत 32, बैंक कर्मचारियों के लिए 8, डिजिटल उत्पाद – 44, विदेशी विनिमय में 27,
प्लास्टिक करेंसी (डेबिट & क्रेडिट) काईस-9, सरकारी व्यापार उत्पाद – 16, कॉर्पोरेट बैंकिंग
मे 7, गैर वित्तीय योजना मे 6 उत्पाद तथा सामान्य उत्पाद- 6 के साथ आज बैंक ने 365
करोड़ रुपये का लाभ अर्जित किया।
बैंक का आदर्श वाक्य “टू गेदर वी कैन” (एक साथ हम कर सकते हैं)। इस बात को दर्शातामे 48454 के तहत 32, बैंक कर्मचारियों के लिए 8, डिजिटल उत्पाद – 44, विदेशी विनिमय में 27, प्लास्टिक करेंसी ( डेबिट & क्रेडिट) कार्ड्स-9, सरकारी व्यापार उत्पाद – 16, कॉर्पोरेट बैंकिंग मे 7, गैर वित्तीय योजना मे 6 उत्पाद तथा सामान्य उत्पाद-6 के साथ आज बैंक ने 365 करोड़ रुपये का लाभ अर्जित किया।
बैंक का आदर्श वाक्य “टू गेदर वी कैन” (एक साथ हम कर सकते हैं)। इस बात को दर्शाता
है कि कोई भी संस्था का अकेले में कोई अस्तित्व नहीं होता, ग्राहकों को बेहतर सेवा प्रदान करने तथा कर्मचारियों के संस्था और ग्राहकों के प्रति समर्पण भाव से ही संस्था आगे बढ़ती है।
आइये आज बैंक की स्थापना दिवस पर हम सभी मिलकर इस संस्था को और आगे बढ़ा कर उच्च श्रेणी मे लाये और एक बार फिर से इस बात को सार्थक करें की ” टू गेदर वी कैन ।