शहीद शशांक सिंह की राइफल जिद पर अड़ी थी। उसने वीर अब्दुल हमीद की कुर्बानी पढ़ी थी।। मुकेशानंद

Getting your Trinity Audio player ready...

शहीद शशांक सिंह की राइफल जिद पर अड़ी थी।
उसने वीर अब्दुल हमीद की कुर्बानी पढ़ी थी।। मुकेशानंद

ब्यूरो चीफ आर एल पाण्डेय

गाजीपुर। नसरीद्दीनपुर तहसील कासिमाबाद अमर शहीद शशांक कुमार सिंह का सप्तम बलिदान दिवस मनाया गया। इस अवसर पर कासिमाबाद एसडीएम, भारतीय सेना के कमान अधिकारी 19 राजपूताना राइफल सूबेदार मेजर एवं आल रैंक 19 राजपूताना राइफल कमान अधिकारी 57 राष्ट्रीय राइफल सेंटर कमान अधिकारी राजपूताना राइफल्स सूबेदार मेजर द्वारा शहीद शशांक कुमार सिंह श्रद्धांजलि दी गयी और उनके के माता-पिता को अंग वस्त्र पहनकर व भारतीय सेना की केप पहनाकर सम्मान किया गया।
अनारा देवी शहीद संस्थान के अध्यक्ष ओज कवि मुकेशानंद के नेतृत्व में सरस्वती पुत्र इटावा की धरती से आये मनीष मगन ने वाणी वंदना से कवि सम्मेलन शुरुआत करते हुए ओज कवि मुकेशानंद ने शहीदों की शहादत दिवस से बड़ा दुनिया में कोई पर्व नहीं वतन को दी जिसने कुर्बानी उससे बड़ा कोई धर्म नहीं काव्य पाठ से व ओज कवि कुलदीप कलश ने जब कोई लाल देश के लिए निछावर होता है धरती तड़पती है आसमान भी रोता है वही लखीमपुर की धरती से आए नवांकुर कवि विनय ने शहीदों के घर का उजाला बनूंगा एवं कृष्ण कुमार मौर्य सरल ने मंच का संचालन करते हुए शहीदों की भेंट में नारियल नहीं चढ़ते काव्य धारा से देशभक्ति की अलख जगाकर सरस्वती पुत्रों की वाणी से श्रोताओं की आंखें नम होने लगी।
दयाशंकर यादव शहीद शशांक का गुणगान करते हुए आंखों से आंसू छलकाने लगे तो ओज कवि मुकेशानंद ने काव्य द्वारा कहा
श्रोताओं की आंखों से आंसू बहकर आये हैं। ये शहीद शशांक के लिए गंगाजल बनकर आये हैं ।
धन्य है वह मां जिसने शशांक जैसे वीर को जन्म दिया।धन्य है गाजीपुर की माटी जिसने चंदन का रूप लिया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *