31 वीं राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस जिला स्तरीय प्रतियोगिता में समृद्धि एवं प्रांज्वल सहित आठ चयनित

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31 वीं राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस जिला स्तरीय प्रतियोगिता में समृद्धि एवं प्रांज्वल सहित आठ चयनित

ब्यूरो चीफ आर एल पाण्डेय

लखनऊ। 31 वीं राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस 2023 का आयोजन स्थानीय निशातगंज इंटर कालेज लखनऊ में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि के रूप में डी०सी०(विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी) प्रो०(डॉ०) डी० बी० सिंह एवं प्रधानाचार्य रामेश्वर प्रसाद ने दीप प्रज्वलित कर किया। स्वागत गान व स्वागत भाषण के साथ ही आयोजक कृष्ण लाल शर्मा के किया गया। प्रधानाचार्य महोदय ने बच्चों को वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने की सलाह दी। मौके पर जिला कार्यक्रम समन्वयक प्रो०(डॉ०) डी० बी० सिंह ने बच्चों को प्रायोगिक विज्ञान पर बल देने को कहा। कार्यक्रम का विषय प्रवेश कराते हुए कार्यक्रम समन्वयक सत्यम शिवम सुंदरम ने कहा कि विज्ञान कांग्रेस में उत्तर प्रदेश का ऐतिहासिक प्रदर्शन रहा। प्रतिभागियों के चयन के लिए निर्णायक मंडल के रूप में कैरियर कान्वेंट गर्ल्स पी०जी०
प्राचार्य विजय कुमार, एलएनडी कॉलेज के प्रोफेसर दीपक कुमार श्रीवास्तव, सुभाष चन्द्र बोस इंस्टीट्यूट ऑफ हायर स्टडीज के रसायन विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ० नीरज कुमार ने अहम भूमिका निभाई। प्रतिभागियों के चयन में जूनियर वर्ग से माउंटफोर्ड इंटर कालेज की समृद्धि कुंवर को प्रथम, राजकीय निश्वा कालेज की मुनरिया बेगम को द्वितीय, राजकीय सरदौना कालेज की सानिया राजपूत ने तृतीय, एसएसजेडी इंटर कालेज की स्पर्श मौर्या एवं सीनियर वर्ग से राजकीय इंटर कालेज निशातगंज के प्रांज्वल सिंह, सूरज सिंह, शिवम तिवारी एवं राष्ट्रीय जुबली इंटर कालेज के हिमांशु गौतम को राज्य स्तरीय प्रतियोगिता हेतु चयनित किया गया, इस अवसर पर सैकड़ों की संख्या में विद्यार्थी एवं शिक्षक आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम के समापन पर धन्यवाद ज्ञापन निशातगंज इंटर कालेज के विज्ञान शिक्षक सत्यम शिवम सुंदरम ने किया। जिला विद्यालय निरीक्षक लखनऊ राकेश कुमार पाण्डेय ने चयनितों को बधाई देते हुए ऐसे आयोजनों में लगातार प्रतिभाग करने के लिए प्रेरित भी किया
मण्डलीय विज्ञान प्रगति अधिकारी लखनऊ मण्डल डॉ0 दिनेश कुमार ने राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस 2023 में प्रतिभाग करने वाले समस्त छात्र छात्राओं को ऐसे शोधपरक आयोजनों से वैज्ञानिक अनुसंधान की प्रवृत्ति आने के लिए किसी एक समस्या पर उसके निदान हेतु किये जाने वाले वैज्ञानिक तरीकों की अनुभूति होना बताया।

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