गोस्वामी तुलसीदास की कर्मभूमि काशी के एक दशक में बदले परिदृश्य के अध्ययन पर आधारित है अनूठी यात्रा

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एलबीएस के शोधार्थियों का दल वाराणसी रवाना

गोस्वामी तुलसीदास की कर्मभूमि काशी के एक दशक में बदले परिदृश्य के अध्ययन पर आधारित है अनूठी यात्रा

ब्यूरो चीफ आर एल पाण्डेय

गोण्डा। लाल बहादुर शास्त्री महाविद्यालय एलबीएस से शोधकर्ताओं का एक दल रविवार को वाराणसी रवाना हुआ। ‘बदलती हुई काशी : मोदी प्रभाव’ विषयक शोध अध्ययन/सर्वेक्षण हेतु इस अनूठी यात्रा में दो दर्जन से अधिक शोधार्थी प्राध्यापक सम्मिलित हो रहे हैं।
शोध अध्ययन यात्रा के आयोजन सचिव प्रो. जितेंद्र सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र काशी ने समूचे देशवासियों के ध्यान को आकर्षित किया है। काशी के निवासियों का जीवन-स्तर, गंगा-घाटों सहित समूचे बनारस की स्वच्छता संबंधी आदतों, काशी में स्थानीय रोजगार की स्थिति, सांस्कृतिक-धार्मिक-ऐतिहासिक स्थलों की पूर्व-अपर स्थिति, सड़क-परिवहन, दैनंदिन जन-जीवन आदि बिंदुओं पर शोधयात्रियों का दल सर्वेक्षण करके रपट तैयार करेगा।
अध्ययन यात्रा के संयोजक प्रो. शैलेंद्र नाथ मिश्र, निदेशक, शोध केंद्र ने यात्रा के उद्देश्य को निरूपित किया। उन्होंने कहा कि इसके पूर्व शोध केंद्र द्वारा ‘साहित्य की लोकमंगल यात्रा’ मगहर, संत कबीर नगर से वाया अगौना त्रिमुहानी पसका तक निकाली गई थी। यह यात्रा संत कबीर की जन्मभूमि, आचार्य रामचंद्र शुक्ल और गोस्वामी तुलसीदास की कर्मभूमि काशी के एक दशक में बदले परिदृश्य के अध्ययन पर आधारित है। उन्होंने यह भी बताया कि शोध यात्रियों का दल काशी के धार्मिक- सांस्कृतिक और ऐतिहासिक स्थलों पर जाकर सर्वेक्षण आदि से अपने अध्ययन को संपूर्ण करेगा।
शोध यात्रियों में प्रो.बी.पी. सिंह, प्रो. संजय कुमार पांडेय, प्रो. जितेंद्र सिंह, प्रो. मंशाराम वर्मा, प्रो. जय शंकर तिवारी, डॉ. रवि प्रकाश ओझा, डॉ. पुनीत कुमार, डॉ. विवेक प्रताप सिंह, डॉ. अभिक सिंह, डॉ. धर्मेंद्र कुमार शुक्ला, डॉ. मनोज मिश्रा, डॉ. अरुण प्रताप वर्मा और शरद पाठक सहित अन्य प्राध्यापक शामिल हैं।

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