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समाज में नहीं, समाज की बेहतरी के लिए हो राजनीति
राजधानी के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में सरदार पटेल बौद्धिक विचार मंच के राष्ट्रीय बुद्धिजीवी सम्मेलन में मुख्य अतिथि पद से बोले महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस
ब्यूरो चीफ आर एल पाण्डेय
लखनऊ। महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि राजनीति अपने समाज में नहीं, बल्कि समाज की बेहतरी के लिए होनी चाहिए।
श्री बैस रविवार को राजधानी के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में सरदार पटेल बौद्धिक विचार मंच द्वारा आयोजित राष्ट्रीय बुद्धिजीवी सम्मेलन में मुख्य अतिथि की हैसियत से बोल रहे थे।
राज्यपाल, केंद्रीय मंत्री और सांसद समेत विभिन्न पदों पर रहकर चार दशक से लगातार जनसामान्य की सेवा करते आ रहे महामहिम श्री बैस ने अपने संक्षिप्त-सारगर्भित वक्तव्य में कहा कि भारत के गृह मंत्री के रूप में लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल का 550 से अधिक रियासतों को भारतीय गणतंत्र का अभिन्न हिस्सा बनाने और समाज में व्याप्त विषमताओं-असमानताओं को मिटाकर सामाजिक समरसता और भाईचारा बढ़ाने में बेशक अतुल्य और महान है।
श्री बैस ने सरदार पटेल के आदर्शों को अपनाते हुए पटेल समाज द्वारा संचालित बौद्धिक विचार मंच के अपनी बिरादरी की भलाई और सामाजिक समरसता बढ़ाने की दिशा में निरंतर किए जा रहे कार्यों-गतिविधियों की सराहना की और मंच का दायरा शहर-शहर, गांव-गांव तक बढ़ाने की अपेक्षा भी की। हर वर्ग खासकर युवाओं का अमृतकाल में वर्ष 2047 तक भारत को विकसित भारत बनाने का संकल्प साकार कर दिखाने के लिए अभी से जी-जान से जुटने का आह्वान भी किया। पटेल-कुर्मी समाज के लोगों से पूर्वाग्रह छोड़कर बेटियों को उच्च शिक्षित और बेटों को अनुशासित-संस्कारी बनाने का भी आग्रह किया।
छत्रपति शिवाजी विश्वविद्यालय मुंबई के कुलपति प्रो. केसरीलाल वर्मा बोले-विभिन्न कार्यक्षेत्रों में गहरी पैठ रखने इतने सारे प्रबुद्ध लोगों मंच के इस राष्ट्रीय सम्मेलन में एक साथ देखकर मन बहुत प्रफुल्लित है। समाज के कल्याण के लिए सरकार को इन सबके सदुपयोग की पहल करनी चाहिए। शकुंतला मिश्रा पुनर्वास विश्वविद्यालय लखनऊ के कुलपति प्रो. राधाकॄष्ण पाल सिंह ने कहा कि समाज को सही दिशा देने के लिए बौद्धिक विचार मंच जैसे मंचों और इनमें होने वाले सकारात्मक गहन विचार मंथनों और रचनात्मक क्रियाकलापों की निरंतरता बनाए रखना भी अत्यंत आवश्यक और अपरिहार्य है। जोर देकर कहा कि मंच गैर राजनीतिक अवश्य है लेकिन राजनीतिक लोगों का रचनात्मक सहयोग लिए बगैर अपने समाज के जरूरतमंदों का बहुमुखी विकास भी असंभव है।
पटेल समाज के सशक्तिकरण और सामाजिक समरसता विषयवस्तु पर आधारित इस राष्ट्रीय बुद्धिजीवी सम्मेलन में उप्र लोक सेवा आयोग के सदस्य डाॅ. एके वर्मा ने अपने विद्वत्तापूर्ण-सटीक उद्बोधन में समाज को आगे ले जाने के लिए संपर्क, सहयोग और संगठन के महत्व को रेखांकित किया। प्रदेश सरकार में मंत्री आशीष पटेल ने कहा कि आपके बड़प्पन तभी सार्थक है जब अपने कमजोर-जरूरतंद भाइयों की मदद के लिए निस्संकोच हाथ बढ़ाते रहें। मंच के संस्थापक-संरक्षक और रिटायर्ड आईएएस अरुण कुमार सिन्हा ने देश भर से आए प्रबुद्ध लोगों और जनप्रतिनिधियों से वैमनस्यता मिटाकर समरसता-भाईचारा बढ़ाने की दिशा में निरंतर प्रयासरत रहने और बाराबंकी-फतेहपुर की तर्ज पर पूरे उत्तर प्रदेश और देश भर में हर जिले में पटेल चेतना रथ निकालने तथा देश भर में मंच की कम से कम एक हजार इकाइयां गठित करने का लक्ष्य भी दिया है।
इससे पूर्व सभी मंचासीन अतिथियों का बुके-मोमेंटो देकर और शाॅल उढ़ाकर अभिनंदन किया गया। सरदार पटेल के चित्र पर दीप जलाकर और पुष्पार्चन कर सम्मेलन का शुभारंभ हुआ। फतेहपुर जिले के पूर्व माध्यमिक विद्यालय के विद्यार्थियों ने भावपूर्ण लघु नाटिका वारडोली आंदोलन और सरदार पटेल का मंचन कर सबको भावविभोर कर दिया। अध्यक्ष क्षेत्रपाल गंगवार और महामंत्री जगदीश शरण गंगवार ने मंच की गतिविधियों और कार्ययोजनाओं की विस्तृत रूपरेखा रखी। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सुरेंद्र सिंह भी मंचासीन रहे। पूरे कार्यक्रम का सफल संचालन योगेंद्र सचान ने किया। सम्मेलन में वरिष्ठ आईएएस डाॅ. हीरालाल, विजय सिंह निरंजन, पद्मश्री रामसेत चौथरी, सांसद केसरीदेवी पटेल और केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी, पूर्व मंत्री भगवतशरण गंगवार, पूर्व महापौर कुंवर सुभाष पटेल, वरिष्ठ कवि-पत्रकार गणेश पथिक, राहुल यदुवंशी, राखी गंगवार, रिटायर्ड मेजर वीपी सिंह, प्रेमपाल गंगवार समेत देश भर के 2000 से अधिक प्रबुद्ध लोग शामिल रहे।