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ब्रज रंगोत्सव पर आयोजित प्रेस कान्फ्रेंस
यमुना नदी में क्रूज का संचालन भी शीघ्र शुरू होने वाला है: जयवीर सिंह
ब्यूरो चीफ आर एल पाण्डेय
लखनऊ। पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने प्रेस वार्ता में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली के रूप में विश्व प्रसिद्ध मथुरा न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि समूचे देश का महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल हैं। यहां बड़ी संख्या में देश-दुनिया से पर्यटक आते हैं। वर्ष 2023 में करीब आठ करोड़ लोगों ने भ्रमण किया। वैसे यहां हमेशा बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं लेकिन रंगोत्सव और श्री कृष्ण जन्मोत्सव के अवसर पर पहुंचना लोगों की अभिलाषा होती है।
बरसाना व दाऊजी के अलावा मथुरा, वृंदावन, गोवर्धन, गोकुल, नंदगांव में अपनी तरह की अनोखी होली खेली जाती है। ब्रज की प्रसिद्ध होली देखने के लिए न केवल देश बल्कि बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटक भी आते हैं।
मथुरा की लठ्ठमार होली पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। बरसाना की लड्डू होली और अगले दिन की लट्ठमार होली तो विश्वभर में प्रसिद्ध है। जिसमें देशी-विदेशी आगन्तुकों की भारी भीड़ एकत्र होती है।
वैसे ब्रज में 40 दिन तक होली का उत्सव चलता है लेकिन असली उत्साह होली के एक सप्ताह पूर्व से बढ़ने लगता है। इसकी शुरुआत बरसाना के श्रीजी मंदिर में 17 मार्च को खेली जाने वाली लड्डू होली और अगले दिन 18 मार्च को बरसाना और फाल्गुन दशमी 19 मार्च को नंदगाँव के नंद भवन में लट्ठमार होली खेली जाएगी।
मान्यता है कि भगवान कृष्ण ने राधा रानी और गोपियों के साथ लट्ठमार होली खेली थी तभी से यह परंपरा शुरू हुई। 20 मार्च को वृंदावन में रंगभरनी एकादशी को बिहारी जी मंदिर में रंग डाला जाएगा।
21 मार्च को गोकुल में छड़ीमार होली होगी। इसी दिन बांके बिहारी मंदिर में फूलों की होली होगी। 24 मार्च को द्वारकाधीश मंदिर में होली होगी। चौबे समाज का होलीगेट तक डोला भी निकलेगा और होलिका दहन होगा।
25 मार्च को पूरे ब्रज में होली का उत्सव (धुलेंडी) मनाया जाएगा। 26 मार्च को दाऊजी के विशाल मंदिर में हुरंगा होगा। उप्र ब्रज तीर्थ विकास परिषद, मथुरा ने रंगोत्सव-2024 की तैयारियां तेज कर दी हैं।
रंगोत्सव में जगह-जगह होली के सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। इसमें स्थानीय कलाकारों के लिए विभिन्न स्थानों पर सांस्कृतिक मंच बनाये जा रहे हैं। 26 मार्च को बलदेव में दाऊजी के हुरंगा में मंदिर परिसर में फूलों के रंगों से होली खेली जाएगी। इसमें पंडा समाज (अहिवासी ब्राह्मण) के लड़कों पर महिलाएं रंग फेंकने के बाद कोड़े बरसाती हैं।
26 मार्च को ही जाब का हुरंगा, जाब गांव में होगा। इसी दिन चरकुला नृत्य राधा जी ननिहाल मुखराई होगा। 27 को गिडोह व बठैन में होली का आयोजन है। 31 मार्च को छड़ीमार होली पुरानी महावन में और एक अप्रैल को श्रीरंग जी मंदिर वृंदावन में होली के साथ समापन होगा।
मथुरा रंगोत्सव को भव्य ढंग से आयोजित कराने के लिए ब्रज तीर्थ विकास परिषद द्वारा विशेष तैयारियां अपने अंतिम चरण में हैं। हमारा प्रयास है कि यहां आने वाले श्रद्धालु सुखद अनुभूति लेकर लौटें ।
मथुरा में हेलीकाप्टर और क्रूज
भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली में अब हेलीकाप्टर से भ्रमण की सुविधा उपलब्ध है। इसके अलावा यमुना नदी में क्रूज का संचालन भी शीघ्र शुरू होने वाला है।