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29 मार्च – श्रीरामचरितमानस की भाव सहित चौपाई
नमो राघवाय 🙏
नवम सरल सब सन छलहीना ।
मम भरोस हियँ हरष न दीना ।।
नव महुँ एकउ जिन्ह कें होई ।
नारि पुरुष सचराचर कोई ।।
सोई अतिसय प्रिय भामिनि मोरें
सकल प्रकार भगति दृढ तोरें ।।
( अरण्यकांड 35/3-4)
राम राम 🙏🙏
शबरी जी को नौ प्रकार की भक्ति बताते हुए राम जी कहते हैं कि नवीं भक्ति सरलता व सबके साथ कपट रहित व्यवहार करना है । मेरे पर भरोसा रखना तथा हर अवस्था में सम भाव रखना है । इन नवों में से जिसके पास एक भी भक्ति होती है वह स्त्री पुरुष , जड़ चेतन कोई भी हो मुझे अत्यंत प्रिय होता है।
जो सरल है वही कपट रहित है । जिसे राम पर भरोसा है वही दूसरे से छल नहीं करता है , वही समभाव रखता है । ऐसे गुणों से युक्त जीव राम जी को प्रिय हैं । हम आप भी इन्हीं गुणों को अपने में धारण करने का प्रयत्न कर राम जी की प्रियता प्राप्त कर सकते हैं । अतएव! जय जय राम , जय जय राम 🚩🚩🚩
संकलन तरूण जी लखनऊ