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पुलिस मुख्यालय में साइबर अपराधों एवं साइबर सुरक्षा विषयक प्रस्तुतिकरण / बैठक का किया गया आयोजन
ब्यूरो चीफ आर एल पाण्डेय
लखनऊ। मुख्य सचिव, उ०प्र० शासन की अध्यक्षता में साइबर अपराधों व साइबर सुरक्षा (Stakeholders dialogue on Cyber Crime and Cyber Security in Uttar Pradesh: Emerging Challenges and strategy for future) विषय पर पुलिस मुख्यालय (सिग्नेचर बिल्डिंग) स्थित ऑडिटोरियम में प्रस्तुतीकरण/बैठक का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर दुर्गाशंकर मिश्र, मुख्य सचिव, उ०प्र० शासन द्वारा अपने उद्बोधन में कहा गया कि कंप्यूटर इंटरनेट और स्मार्टफोन का प्रयोग तेजी से बढ़ रहा है। इंटरनेट के माध्यम से तमाम सारी पब्लिक सर्विसेज ऑनलाइन उपलब्ध हैं। ऐसे में साइबर सिक्योरिटी और साइबर क्राइम विषय बहुत महत्वपूर्ण है। पुलिस, ऊर्जा, मेट्रो, स्वास्थ्य और कृषि आदि सेक्टर में इंटरनेट के माध्यम से तमाम सारी सुविधायें आम नागरिकों को ऑनलाइन उपलब्ध करायी जा रही हैं। साइबर सिक्योरिटी के माध्यम से ऐसी व्यवस्था करनी होगी, जिससे बाहरी व्यक्ति इस नेटवर्क या सिस्टम को ध्वस्त या प्रभावित न कर सके। दुनिया में सर्वाधिक डिजिटल ट्रांजक्शन भारत में हो रहा है। लोगों की मदद के लिए प्रदेश में साइबर थाने बनाये गये हैं। अपराध के पैटर्न में परिवर्तन आया है। ऐसे में हमारी जिम्मेदारी है कि लोगों की साइबर सुरक्षा पर ध्यान दें। आम नागरिकों को साइबर फ्रॉड का शिकार होने से बचाने के लिए जागरूक करें। साइबर अपराध होने पर तत्परता से कार्यवाही करे, जिससे साइबर अपराध के मामलों में कमी आयेगी। दिन-प्रतिदिन नई आपराधिक चुनौतियों को हल करने के लिए नवीनतम प्रौद्योगिकी को अपनाना होगा। अपराध पैटर्न की बेहतर पहचान के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आदि का उपयोग करना और दूसरा तेजी से बदलते अपराध पैटर्न और उनके
तौर-तरीके को समझना और कड़ी कार्यवाही करना होगा। आज उत्तर प्रदेश के 75 कमिश्नरेट/जनपदों में साइबर थानों का गठन हो चुका है, किन्तु हमें साइबर सिक्योरिटी हेतु बहुत प्रभावी रूप से कार्य किये जाने की आवश्यकता है।
प्रशान्त कुमार, पुलिस महानिदेशक, उ०प्र० द्वारा अपने उद्बोधन में कहा गया कि साइबर क्राइम और साइबर सिक्योरिटी ये दोनो ही बहुत प्रासंगिक विषय है, साइबर क्राइम के बारे में आप सबको पता है कि इसकी कोई बाउण्ड्री नही होती। अमूमन जो क्राइम हम लोग आज तक देखते हुए आ रहे है उसमें एक सीमा होती है. लेकिन साइबर काइम वर्ड वाइज वेब से कन्ट्रोल होता है, जिसकी कोई सीमा नहीं होती है, ऐसी स्थिति में क्राइम करने वाले सस्पेक्ट के डिस्टेन्स के बारे में आइडिया लगा पाना, जब तक कि पूरा ज्ञान न हो सम्भव नही है। साइबर क्राइम से बचने के बारे में जो भी सुधार करें या स्वयं की जागरूकता बढ़ाये ये सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। शासन द्वारा साइबर क्राइम से निपटने के लिए बहुत सारे प्रयास किये जा रहे है, जैसा कि आप लोगो को पता है वर्ष 2017 के बाद से रेंज स्तर पर साइबर थाने बनाये गये तथा वर्तमान में प्रत्येक जनपद में एक साइबर थाने की स्थापना की गयी एवं प्रत्येक थानों में एक साइबर हेल्प डेस्क की स्थापना की गई है। साइबर काइम से निपटने के लिये पूरी दुनिया द्वारा सुधार हेतु जो कार्य किये जा रहे है उस प्रतिस्पर्धा में उत्तर प्रदेश पुलिस अधिक तेजी से सिस्टम में सुधार कर रही है।
कार्यशाला के दौरान अभिषेक सिंह अपर सचिव II, MIETY, GOI, रूपा डायरेक्टर 14C, GOI, पवन कुमार पुलिस उपमहानिरीक्षक साइबर काइम उ०प्र०, सुबोध कुमार CEO Cert In, Gol, बालू केन्चप्पा R.D.RBI, Kanpur, जी०के० गोस्वामी अपर पुलिस महानिदेशक फॉरेन्सिक, नेहा जैन Spl Secy, IT & Electr.UP, प्रस्तुतिकरण / व्याख्यान दिया गया। कार्यक्रम के अन्त में योगेश कुमार Spl Secy, Home, UP द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया।
इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक, उ०प्र० द्वारा मुख्य सचिव उ०प्र०शासन, अपर मुख्य सचिव गृह, उ०प्र० शासन, अपर सचिव IT, MIETY, GOI, विशेष सचिव IT & Electr. UP व डायरेक्टर 14C, GOI को स्मृति चिन्ह भेट किया गया।