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5 अप्रैल- श्रीरामचरितमानस की भाव सहित चौपाई
अति कृपाल रघुनायक
सदा दीन पर नेह ।
ता सन आइ कीन्ह छलु
मूरख अवगुन गेह ।।
( अरण्यकांड, दो. 1)
राम राम बंधुओं 🙏चित्रकूट में निवास के दौरान एक बार प्रभु ने सीता जी का अपने हाथों से श्रृंगार किया । इंद्र पुत्र जयंत भगवान के बल की थाह पाने के लिए सीता जी के चरणों में चोंच मारकर भाग चला । राम जी अति कृपालु हैं तथा सदा दीनों से प्रेम करने वाले हैं ऐसे कृपालु राम जी के साथ अवगुणों की खान जयंत ने आकर छल किया ।
मित्रों ! राम जी कृपालु हैं तथा सदा दीनों पर दया करने वाले हैं , ऐसे राम जी के साथ मूढ ही छल कर सकता है कारण मूढ को गुण दिखाई नहीं देते हैं । मूढता तो गुणवान का साथ करने से ही जाती हैं , राम जी सर्वगुण संपन्न हैं । अत: अपनी मूढ़ता दूर करने के लिए राम जी का साथ करें । अथ ! राम राम जय राम राम 🚩🚩🚩
संकलन तरुण जी लखनऊ