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27 मई – श्रीरामचरितमानस की भाव सहित चौपाई
नमो राघवाय 🙏
पुरइनि सघन ओट जल
बेगि न पाइअ मर्म ।
मायाछन्न न देखिऐ
जैसे निर्गुन ब्रह्म ।।
( अरण्यकांड, दो. 39)
राम राम 🙏🙏
सीताजी को खोजते हुए राम जी लक्ष्मण के साथ पंपा सरोवर पहुँचे हैं । उस सरोवर में जल का जल्दी पता नहीं चल रहा है कारण जल कमल के पत्तों की आड़ के कारण ढका हुआ है । यह उसी तरह से हैं जैसे मायायुक्त जीव निर्गुण ब्रह्म को नहीं समझ पाता है ।
मायायुक्त नहीं मायामुक्त होते ही सब आड़ समाप्त हो जाता है और सब कुछ समझ में आने लगता है । मायामुक्त होने के लिए परंतु आपको रामयुक्त होना पड़ेगा । अत: सब समझने के लिए रामयुक्त होवें । अस्तु ! राम राम जय राम राम 🚩🚩🚩
संकलन तरूण जी लखनऊ