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3 जून – श्रीरामचरितमानस की भाव सहित चौपाई
नमो राघवाय 🙏
इहाँ पवनसुत ह्रदय बिचारा ।
राम काजु सुग्रीवँ बिसारा ।।
निकट जाइ चरनन्हि सिरु नावा
चारिहु बिधि तेहि कहि समुझावा
( किष्किंधाकांड 18/1)
राम राम 🙏🙏
राम जी ने बालि को मारकर सुग्रीव को राजा बना दिया तथा सुग्रीव को सीता जी को खोजने का कार्य देकर वर्षा काल में प्रवर्षन पर्वत पर रहने लगे । वर्षा ऋतु बीत जाती है परंतु सुग्रीव ने सीता जी की कोई खबर राम जी को नहीं दी । इधर हनुमान जी ने भी विचार किया कि सुग्रीव राम जी के कार्य को भूल गए हैं । वे सुग्रीव के पास जाते हैं और उन्हें साम , दान, दंड व भेद चारों प्रकार की नीति कहकर समझाते हैं ।
जगत में रहते हुए सुग्रीव की तरह हम आप भी राम काज भूले पड़े हैं । सुग्रीव के पास तो हनुमान थे जो उन्हें समझाने गये थे पर हमारे पास कौन है ? सतत राम नाम स्मरण ही हमें राम काज विस्मरण से दूर रख सकता है । अथ ! सदा राम स्मरण में रहें , राम राम जय राम राम 🚩🚩
संकलन तरूण जी लखनऊ