श्रीरामचरितमानस की भाव सहित चौपाई

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14 जून – श्रीरामचरितमानस की भाव सहित चौपाई
नमो राघवाय 🙏

जो ग्यानिन्ह कर चित अपहरई ।
बरिआई बिमोह मन करई ।।
जेहिं बहु बार नचावा मोही ।
सोइ ब्यापी बिहंगपति तोही ।।
( उत्तरकांड 58/3)
राम राम 🙏🙏
जब युद्ध में मेघनाद के हाथों प्रभु ने अपने को बँधा लिया तब नारद ने गरुड़ जी को उनका बंधन काटने भेजा । गरुड़ ने बंधन तो काट दिया पर उनके ह्रदय में बड़ा विषाद उत्पन्न हो गया । वे व्याकुल होकर नारद जी के पास जाते हैं, अपना संदेह बताते हैं ।नारद जी कहते हैं कि राम जी की माया बड़ी प्रबल है । यह ज्ञानियों के चित्त को पलट देती है , उनके मन में जबरन मोह उत्पन्न कर देती है , जिसने मुझे बहुत बार परेशान किया है वही माया आपको भी व्याप गई है ।
हम सब राम जी की माया से ग्रसित हैं । जो भी राम जी में संदेह नहीं करता है वही राम की माया से बचा रहता है । राम जी संदेह , कुतर्क से परें हैं । संदेह , कुतर्क आते ही माया हमपर हावी हो जाती है । अतएव राम जी की माया से आप बचना चाहते हैं तो राम जी से अविरल प्रेम करें । अथ ! श्रीराम जय राम जय जय राम 🚩🚩🚩
संकलन तरूण जी लखनऊ

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