बहादुर बेटियां फाउंडेशन की अनूठी पहल बेटियों द्वारा मनाया गया फादर्स डे

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बहादुर बेटियां फाउंडेशन की अनूठी पहल
बेटियों द्वारा मनाया गया फादर्स डे
हरदोई (अम्बरीष कुमार सक्सेना)
बहादुर बेटियां फाउंडेशन द्वारा आयोजित 15 दिवसीय समर कैंप के 11वें दिन आज फादर्स डे बड़े धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर अंशिका और मुस्कान ने न.पा.प. अध्यक्ष सुख सागर मिश्र ‘मधुर’ जी, अनिल श्रीवास्तव व अमित अग्रवाल का पितृ रूप में रोली अक्षत से तिलक लगाकर उनका आशीष प्राप्त किया।
वर्ष का प्रत्येक दिन ही फादर्स डे होता है लेकिन फिर भी अपने पिता के प्रति अपने उद्गार और कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए आज का दिन हमारे लिए एक अवसर होता है उक्त विचार न.पा.प. अध्यक्ष सुख सागर मिश्र ने बेटियों को संबोधित करते हुए व्यक्त किए उन्होंने कहा कि आज का दिन हर उस पिता को समर्पित है, जो बच्चों की एक छोटी सी जरूरत के आगे भी अपनी हर इच्छा को किनारे कर देते हैं। ऐसे में हर बेटी बेटे का दायित्व है कि वह अपने पिता के बताए मार्ग पर चले उनका सम्मान करे सेवा के लिए समर्पित रहे।
इस अवसर पर आभा श्रीवास्तव ने एक भाव पूर्ण रचना तथा आशा बाजपेई, शिखा बाजपेई, सरिता गुप्ता, नमिता और कविता श्रीवास्तव ने पिता के प्रति अपने विचार व्यक्त किए और पिता को ईश्वर का अनमोल उपहार बताया जो ईश्वर की भांति ही अपने बच्चों की हर प्रकार से रक्षा करते हुए उनका पथ प्रशस्त करते हैं।कार्यक्रम का संचालन आकृति श्रीवास्तव ने किया।सोनम त्रिपाठी, रोशनी गुप्ता और नशरह सिद्दीकी, अंशिका पाल, प्रगति गुप्ता, साक्षी शुक्ला, अदिति गुप्ता ने भी अपने भाव व्यक्त किए।
बहादुर बेटियां फाउंडेशन से जुड़े अनिल श्रीवास्तव ने कहा कि फादर्स डे पहली बार 16 जून 1910 को वाशिंगटन में मनाया गया कहा जाता है कि जब सोनोरा डोड बच्ची थी, तब उसकी माँ की मृत्यु हो गई थी और उसके बाद उसके पिता विलियम स्मार्ट ने सोनोरा को माँ की तरह प्यार किया और उसकी सभी ज़रूरतों को पूरा किया पिता के प्रयासों और समर्थन के लिए अत्यधिक प्यार और देखभाल दिखाने के लिए और पिता के प्रति कृतज्ञता दिखाने का सबसे अच्छा समय है।
फाउंडेशन की संस्थापिका कुसुम लता गुप्ता ने बताया कि प्रति वर्ष समर कैंप का आयोजन किया जाता है इसी क्रम चल रहे इस 15 दिवसीय कैंप में आज प्रशिक्षण के साथ ही फादर्स डे भी बहुत ही धूमधाम से मनाया गया इसके मनाने का मूल उद्देश्य बच्चों को अपने पिता के प्रति अपने दायित्वों के प्रति जागरूक करना एक पिता के त्याग और समर्पण का अहसास कराना भी है।
फाउंडेशन की संरक्षिका डा० चित्रा मिश्रा ने बच्चों को बताया कि पिता ऊपर से भले कठोर लगें लेकिन अपने बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए वो अपना सर्वस्व न्यौछावर कर देते हैं इसलिए बच्चों को भी उनके प्रति अपने कर्तव्य को कभी भी भूलना नहीं चाहिए।
समर कैंप में कलश सज्जा व पारंपरिक चौक में माधवी श्रीवास्तव, ब्यूटीशियन शिखा वाजपेई, मार्शल आर्ट में हर्ष, क्राफ्ट में नमिता, मेंहदी में सबेनूर, योग में गीता गुप्ता तथा डांस में अंकित मिश्र, नीलम जिंदल, आभा श्रीवास्तव, आशा बाजपेई, कविता श्रीवास्तव, योगिता गुप्ता, तन्वी श्रीवास्तव, सुधीर कुमार यादव, सुमित गुप्ता, नीतू गुप्ता, स्नेह लता गुप्ता, शैलेंद्री पाल व अमन नागर उपस्थित रहे।

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