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गोरखपुर डी के यू हिंदी दैनिक अक्षय विश्वकर्मा की रिपोर्ट
पहले मां को खोया। किसी तरह खुद को संभाला और कोरोना संक्रमित पिता को बीआरडी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया। लेकिन पिता भी 15 दिनों तक कोरोना से लड़ने के बाद बुधवार को जिंदगी की जंग हार गए। पिता की मौत के बाद बेटी निहारिका (22) पूरी तरह से टूट चुकी है। मां और पिता की मौत के बाद उसे संभालने वाला अब कोई नहीं है। उसकी तीन बहनें हैं, जिनकी शादी हो चुकी है।
जानकारी के मुताबिक कूड़ाघाट निवासी गुलाब अग्रहरि व उनकी बेटी निहारिका 29 अप्रैल को कोरोना संक्रमण का शिकार हो गई थीं। यह सदमा निहारिका की मां बर्दाश्त नहीं कर पाई और उसी दिन उनकी मौत हो गई।
इस बीच दूसरे दिन गुलाब की तबीयत बिगड़ी तो बेटी निहारिका ने टीबी अस्पताल में भर्ती कराया। वहा हालत और बिगड़ गई। इस पर चार मई को किसी तरह मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया।
डीएम और कॉलेज के प्राचार्य से वार्ता कर निहारिका ने इलाज की अच्छी व्यवस्था कराई। इसके बाद वह खुद अपना भी ध्यान रखने लगी। जिसकी बदौलत वह संक्रमण से मुक्त हो गई। इस बीच दिन में दो से तीन बार भागकर मेडिकल कॉलेज में पिता का हाल जानने जाती थी।
हालांकि उसकी मुलाकात चार मई के बाद पिता से नहीं हो सकी। वह अस्पताल के बाहर से ही लोगों से पूछ कर लौट आती थी। बुधवार को जब कॉलेज से पिता के मौत की सूचना मिली तो वह एकदम टूट सी गई है।