यदि किसान भाई दुधारू पशुओं को पाल कर समिति के माध्यम से दुग्ध व्यवसाय करते हैं तो अपनी आय को आसानी से दोगुना कर सकते हैं

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यदि किसान भाई दुधारू पशुओं को पाल कर समिति के माध्यम से दुग्ध व्यवसाय करते हैं तो अपनी आय को आसानी से दोगुना कर सकते हैं

ब्यूरो चीफ आर एल पाण्डेय

लखनऊ। प्रदेश के समस्त विकास खण्डों को दुग्ध समितियों से आच्छादित किए जाने के क्रम में नन्दबाबा दुग्ध मिशन योजना अन्तर्गत प्रदेश के दुग्ध समितियों से अनाच्छादित 821 ग्रामों में दुग्ध समितियों का गठन किया गया है। दिनांक 15.07.2024 को पी०सी०सी०एफ० लखनऊ के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में नन्दबाबा दुग्ध मिशन अन्तर्गत 621 गठित दुग्ध समितियों के खाते में डी०बी०टी० वके माध्यम से कार्यशील पूँजी मद में एवं प्रबन्धकीय अनुदान मद में धनराशि को अन्तरण कार्यकग में मुख्य अतिथि धर्मपाल सिंह, मंत्री, दुग्ध विकास एवं पशुपालन उ०प्र० के कर कमलों से किया गया।

यह कार्यकम रविन्द्र, प्रमुख सचिव दुग्ध विकास पशुधन एवं मत्स्य, राकेश कुमार मिश्रा, दुग्ध आयुक्त उ०प्र०. आनन्द कुमार सिंह, प्रबन्ध निदेशक पीसीडीएफ, राम सहाय यादव, विशेष सचिव दुग्ध विकास तथा करूणेश कुमार सिंह, विशेष सचिव दुग्ध विकास की गरिमामयी उपस्थिति में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम में नन्द बाबा दुग्ध मिशन अन्तर्गत गठित समितियों के सचिव भी उपस्थित रहे।
प्रादेशिक कोआपरेटिव डेयरी फेडरेशन के प्रबन्ध निदेशक आनन्द कुमार सिंह द्वारा कार्यक्रम में पधारे अतिथियों का स्वागत करते हुए अवगत कराया कि नन्दबाबा दुग्ध मिशन अन्तर्गत 621 दुग्ध समितियों का गठन एवं पंजीकरण करा लिया गया है। प्रदेश में 621 गठित दुग्ध समितियों के खाते में डी०बी०टी० के माध्यम से कार्यशील पूंजी मद में धनराशि ₹ 30,000 एवं प्रबन्धकीय अनुदान मद में धनराशि ₹ 6,000 अर्थात कुल प्रावधानित धनराशि ₹ 2.23.56.000.00 (₹ 36,000 x 621) का अन्तरण किया गया है।
प्रमुख सचिव, दुग्ध विकास उ०प्र० शासन् द्वारा नन्दबाबा दुग्ध मिशन के सम्बन्ध में प्रकाश डालते हुए बताया गया कि उ०प्र० में स्वरोजगार को बढ़ाने में दुधारू पशुओं का पालन अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर रहा है। वर्तमान में दुग्ध उत्पादन में उत्तर प्रदेश प्रथम स्थान पर है किन्तु दुग्ध उत्पादन में अन्य प्रदेशो की तुलना में प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता कम है जिसमे वृद्धि करने की आवश्यकता है।
कार्यक्रम में धर्मपाल सिंह, मंत्री, दुग्ध विकास द्वारा नन्दबाबा दुग्ध मिशन के सम्बन्ध में बताया गया कि उ०प्र० गाय की दूध की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए दुग्ध उत्पादकों का आवाहन किया गया कि यदि किसान भाई दुधारू पशुओं को पाल कर समिति के माध्यम से दुग्ध व्यवसाय करते हैं तो अपनी आय को आसानी से दोगुना कर सकते हैं. क्योंकि कृषि उपज जहाँ मनुष्यों के उपयोग में आती है. वहीं भूसा इत्यादि पशुओं द्वारा उपयोग कर लिया जाता है।
अन्त में डा० राम सागर, दुग्धशाला विकास अधिकारी द्वारा धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कार्यकम का समापन किया गया।

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