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प्रयागराज : फाफामऊ से आगे सिक्स लेन पुल के साथ बाईपास निर्माण का काम शुक्रवार को कड़े जन विरोध के बाद एनएच खंड को रोकना पड़ा। इस दौरान किसानों ने जमकर नारेबाजी की। किसानों का एनएच खंड के अफसरों पर बिना मुआवजा दिए ही उनकी जमीनों को पाटने और बाईपास निर्माण कराने का आरोप है।
फाफामऊ के आगे भदरी गांव के पास एनएच की ओर से बाईपास का निर्माण कराया जा रहा है। इस बाईपास में भदरी और आसपास के किसानों की सौ बीघे से अधिक भूमि पर मिट्टी डाली जा रही थी। शुक्रवार को बिना मुआवजा दिए जेसीबी से मिट्टभनी पाटे जाने की जानकारी मिलने के बाद सैकड़ों की संख्या में किसान सड़कों पर उतर आए। जेसीबी से मिट्टी पाटने का काम बंद कराने की कोशिश की गई, लेकिन जब ठेकेदार ने नहीं सुनी तब प्रभावित किसान फाफामऊ पुलिस चौकी पहुंच गए। वहां चौकी प्रभारी का कहना था कि वह काम बंद नहीं करा सकते।
इसके लिए उन्होंने एसडीएम सोरांव से बात करने की सलाह दी। किसान नेता लल्लन पटेल समेत कई लोगों ने एसडीएम को जब बताया कि बिना मुआवजा दिए उनकी जमीनों पर कब्जा कर सड़क बनाई जा रही है, तब उनका कहना था कि वह तिकोनिया(फाफामऊ) पर आ रहे हैं, वहीं पर प्रभावित किसानों से वार्ता होगी। किसान तिकोनियां पहुंचे तो वहां एसडीएम ने बताया कि उनके खाते में मुआवजे की रकम जा चुकी है। इसके लिए एसडीएम ने कलेक्ट्रेट स्थित संबंधित क्लर्क से संपर्क करने के लिए भी कहा। किसान जब कलेक्ट्रेट पहुंचे, तब वहां उनकी किसी अफसर या क्लर्क से मुलाकत नहीं हो सकी।
इसके बाद किसान सांसद केशरी देवी पटेल के आवास पर पहुंचे और वहां समस्या से अवगत कराते हुए काम बंद कराने का आग्रह किया। सांसद केशरी देवी ने डीएम के अलावा अन्य अफसरों से पोन पर बात की और किसानों को भरोसा दिलाया कि बिना मुआवजा दिलाए बाईपास का निर्माण नहीं होगा। इसके बाद किसान जब मौके पर पहुंचे, तब भी वहां जमीन पर मिट्टी पाटी जा रही थी। अंतत: सांसद के हस्तक्षेप पर एसडीएम सोरांव ने मौके पर पहुंचकर काम बंद करा दिया। इस दौरान विरोध जताने वालों में लल्लन के अलावा अनिल पटेल, लक्ष्मीकांत पटेल, प्रेम नारायण, श्रीराम पाल, राजकुमार, विजय बहादुर, राम प्रताप, राम नरेश, भगवान दीन, रामबिंद, राम सुचित समेत तमाम किसान शामिल थे।