अगर कैंसर का जल्दी पता चल जाए तो इसका इलाज आसानी से किया जा सकता है

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अगर कैंसर का जल्दी पता चल जाए तो इसका इलाज आसानी से किया जा सकता है

ब्यूरो चीफ आर एल पांडेय

लखनऊ। भारत में सर्वाइकल कैंसर एक महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या बनी हुई है। सर्वाइकल कैंसर के वैश्विक बोझ का एक चौथाई हिस्सा भारत पर है, 2022 (ग्लोबोकैन) में सर्वाइकल कैंसर के कारण 127526 नए मामले और 79906 मौतें दर्ज की गईं । यह ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (एचपीवी) के संक्रमण के कारण होता है और कैंसर पूर्व विकास को कैंसर में बदलने में 15 से 20 साल लगते हैं। अगर कैंसर का जल्दी पता चल जाए तो इसका इलाज आसानी से किया जा सकता है। हालाँकि, समुदाय में जागरूकता की कमी, मिथकों, बीमारी के बारे में गलत धारणाओं, स्क्रीनिंग, निदान, उपचार की उपलब्धता और स्वास्थ्य देखभाल प्रदाताओ की कमी के कारण सर्वाइकल कैंसर स्क्रीनिंग का कवरेज कम हो रहा है । इसके लिए सामुदायिक स्वास्थ्य शिक्षा को मजबूत करने, स्क्रीनिंग सेवाओं की पहुंच, उपयोग में सुधार और उचित प्रबंधन के लिए व्यापक प्रयासों की आवश्यकता है।
डॉ0 राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ में Jhpiego के सहयोग से 7 अगस्त 2024 को उत्तर प्रदेश में महिलाओं के कैंसर की देखभाल की निरंतरता को मजबूत करने के उद्देश्य से कार्यक्रम का आयोजन किया गया। आशा द्वारा स्वयं नमूना संग्रह के माध्यम से अमेठी जिले में सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं में सर्वाइकल कैंसर की जांच और थर्मल एब्लेशन के साथ उपचार के लिए एचपीवी डीएनए (HPV DNA) परीक्षण से सम्बन्धित अध्ययन किया गया है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री पार्थ सारथी सेन शर्मा, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और चिकित्सा शिक्षा, उत्तर प्रदेश सरकार, लखनऊ एवं विशिष्ट अतिथि डॉ0 पिंकी जोवेल, मिशन निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, एनएचएम, उत्तर प्रदेश रहे।
निदेशक डॉ0 (प्रो0) सी0एम0 सिंह, डॉ0 आरएमएलआईएमएस, लखनऊ ने कार्यक्रम में सभी अतिथियों और गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया एवं महिलाओं के कैंसर पर विशेष ध्यान देने के साथ कैंसर देखभाल को मजबूत करने पर जोर दिया जो की उत्तर प्रदेश राज्य में एक महत्वपूर्ण चिंता का विषय बना हुआ है।
Jhpiego के कार्यक्रम निदेशक डॉ0 शैलेन्द्र हेगड़े ने महिलाओं के कैंसर के बोझ को दूर करने के लिए पारिस्थितिकी तंत्र दृष्टिकोण पर बात की और अमेठी मॉडल में एचपीवी डीएनए (HPV DNA) परीक्षण और थर्मल एब्लेशन के साथ उपचार के कार्यान्वयन से मिली सीख पर प्रकाश डाला।
प्रोफेसर (डॉ0) नुज़हत हुसैन, विभागाध्यक्ष, इनचार्ज स्टेट रेफरल सेंटर फॉर लैब इन्वेस्टिगेशन पैथोलॉजी विभाग, डॉ0 आरएमएलआईएमएस ने सर्वाइकल कैंसर के लिए मजबूत स्क्रीनिंग पर बात की डब्ल्यूएचओ (WHO) ने एचपीवी डीएनए (HPV DNA) परीक्षण की सिफारिश की जिसमें इससे मिली सीख पर प्रकाश डाला गया।
अमेठी मॉडल कल्याण सिंह सुपर स्पेशियलिटी कैंसर इंस्टीट्यूट एंड हॉस्पिटल लखनऊ, उत्तर प्रदेश के गायनी ऑन्कोलॉजी विभाग के डीन, प्रोफेसर एवं प्रमुख डॉ0 सबुही कुरैशी ने परीक्षण के हिस्से के रूप में ग्राहकों को सर्वाइकल कैंसर के प्रबंधन तक पहुंच बढ़ाने पर बात की।
इस कार्यक्रम के दौरान अमेठी मॉडल से मिली सीख पर आधारित श्वेत पत्र जारी किया गया।
डॉ0 जी0के0 रथ (Ex-Head NCI, Chief DRBRAICH, Professor, Radiation Oncology, AIIMS,New Delhi) डॉ0 नीरजा भाटला ( Prof and Head, Gynaec Oncology. AIIMS, New Delhi) डॉ0 नुजहत हुसैन, (Prof and Head, Pathology, Dr. RMLIMS, Lucknow), डॉ0 सबुही कुरैशी (Prof and Head, Gynaec Oncology, KSSSCI), डॉ0 रुचि पाठक, (Lead, Centre for Cancer Epidemiology, MPMMMCC, Varanasi) ने कार्यक्रम के बारे में अपने अनुभव साझा किए।
यह आयोजन राज्य के साथ अमेठी मॉडल की सीखों को साझा करने और एचपीवी डीएनए (HPV DNA), परीक्षण प्लेटफार्मों का उपयोग करने की लागत पर काम करने के साथ संपन्न हुआ।

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