श्रीरामचरितमानस की भाव सहित चौपाई

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11 अगस्त- श्रीरामचरितमानस की भाव सहित चौपाई
नमो राघवाय 🙏

सुनु माता साखामृग नहिं बल बुद्धि बिसाल ।
प्रभु प्रताप ते गरुडहि खाइ परम लघु ब्याल ।।
( सुंदरकांड , दो. 16)
राम राम 🙏🙏
हनुमान जी सीता जी को खोजते हुए अशोक वाटिका पहुँचे हैं , मुद्रिका गिराई है , अपने को राम जी का दूत बताया है , राम जी का संदेश दिया है , लंका से लिवा जाने की बात कही है पर राम की आज्ञा नही है ऐसा बताया है , माँ को उनके लघु रूप पर संदेह होता है , हनुमान जी ने अपना वास्तविक रूप दिखाया है , सीता जी को भरोसा होता है , हनुमान जी कहते हैं कि माता जी सुनें! वानरों में बहुत बल बुद्धि नहीं होती है परंतु प्रभु के प्रताप से छोटा सर्प भी गरुड़ को खा सकता है ।
आप अपनी लघुता का बिलकुल भी विचार न करें , यदि आप राम जी में लगें हैं तो आप कुछ भी कर सकते हैं । अस्तु! लगें रहें, हनुमान जी की तरह राम काज करते रहें । अथ ! श्रीराम जय राम जय जय राम 🚩🚩🚩
संकलन तरूण जी लखनऊ

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