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पैरों में महावर और हाथों में मेंहदी लगवाकर सभी ने झूला झूलकर कजरी तीज का आनंद लिया
ब्यूरो चीफ आर एल पाण्डेय
लखनऊ। उषा महेश फाउंडेशन के तत्वावधान में पारूल्स ग्रामोफोन में कजरी दंगल का आयोजन हुआ। कजरी तीज के एक दिन पहले कजरी गायन, रतजगा और जलेबा खाने की प्रथा अब धीरे धीरे लुप्त होती जा रही है। पारुल शर्मा ने बताया कि इसी संस्कृति को वापस लाने और संजोने का काम हम फाउंडेशन के अंतर्गत करते हैं । गौरा और पार्वती टीम में जबरदस्त भिड़ंत हुई जिसको निर्याणक मंडल, सीमा श्रीवास्तव व कामिनी मिश्र ने समझा, परखा। अंत में टीम गौरा जीती। पार्वती टीम सिर्फ़ एक नंबर से पीछे थी। लखनऊ से संगीत , थिएटर , कला व साहित्य जगत की कई गणमान्य हस्तियां मौजूद थीं। डा भक्ति शुक्ल, माया यादव, सुषमा प्रकाश , गुंजन जैन , जागृति सिंह, बिनीता शुक्ला, प्रगति सिंह,सांगला दीक्षित, ममता सिंह, सुशीला लाल, कमला देशमुख, नीलम यादव,ऋतु वर्मा , रूमा खन्ना,शालिनी सिंह इत्यादि। पारंपरिक भोजन जैसे सत्तू कचौरी, आलू टमाटर का झोल, फरे, सिल बट्टे की चटनी, दही बड़ा, जलेबी का लुत्फ उठाया गया। पैरों में महावर और हाथों में मेंहदी इत्यादि लगवाकर सभी ने झूला झूलकर कजरी तीज का आनंद लिया।