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श्रम के साथ-साथ मराठी भाषा की समृद्धि बढ़ाने वाले साहित्यकार को खोया है, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने वरिष्ठ साहित्यकार महादेव मोरे को दी श्रद्धांजलि
निपाणी जैसे क्षेत्र में रहकर मराठी भाषा की दौलत अपनी लेखनी से इस क्षेत्र में फैला दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सीमा पर मराठी बोलने वालों के लिए अधिक की लेखन हमेशा नंदादीपा की तरह उज्ज्वल रहेगी।
शोक संदेश में महादेव मोरे ने अपने व्यक्तित्व के अनुसार सामग्री सेवा की। उन्होंने अपने लेखन के माध्यम से मराठी साहित्य में एक बहुमूल्य योगदान जोड़ा है। मराठी का लहजा, शैली और सीमा में मराठी संस्कृति का महत्वपूर्ण चित्रण भी इनके लेखन में आता है। महादेव मोरे को मराठी भाषा प्रेमियों द्वारा हमेशा एक लेखक के रूप में याद किया जाएगा जो कड़ी मेहनत, कड़ी मेहनत का मूल्य जानता है, और ग्रामीण जीवन को वास्तव में चित्रित करता है। वरिष्ठ साहित्यकार महादेव मोरे जी को भावभीनी श्रद्धांजलि !