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एसआर ग्रुप ऑफ़ इंस्टिट्यूशन में भव्य दो दिवसीय इंजीनियर्स डे का आयोजन
ब्यूरो चीफ आर एल पाण्डेय
लखनऊ। बख्शी तालाब स्थित एसआर ग्रुप ऑफ़ इंस्टीट्यूशन में आज इंजीनियर्स डे का आयोजन बड़े उत्साह के साथ किया गया, जिसमें विभिन्न विभागों के छात्रों ने अपने प्रायोगिक मॉडल प्रस्तुत किए। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि एमएलसी पवन सिंह चौहान और वाइस चेयरमैन पीयूष सिंह चौहान की गरिमामयी उपस्थिति रही।
प्रथम वर्ष से लेकर चतुर्थ वर्ष तक के छात्रों ने अपने नवाचारी प्रोजेक्ट्स का प्रदर्शन किया। प्रथम वर्ष के मॉडल्स का प्रस्तुतीकरण विभागीय फैकल्टीज के मार्गदर्शन में विज्ञानीक अमित सिन्हा v जय मिश्रा के सम्मुख किया गया, जिसमें सूर्य की स्थिति के अनुसार सोलर पैनल का समायोजन, सेंसर आधारित सर्किट ऑन-ऑफ, और हाइड्रोलिक्स उपकरणों का स्वचालन प्रमुख रूप से शामिल था। इंजीनियरिंग के विभिन्न विभागों जैसे इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स, मैकेनिकल, कंप्यूटर साइंस, इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, एग्रीकल्चर, बायोटेक, सिविल इंजीनियरिंग, आयुष, और एमबीए के छात्रों ने भी अपने इनोवेटिव प्रोजेक्ट्स का प्रदर्शन किया।
इसरो के वैज्ञानिक एसके पांडे, साहू जी और डॉ. अनिरुद्ध उनियाल (रिमोट सेंसिंग विशेषज्ञ) ने इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग के स्वचालित मॉडल्स का आंकलन किया, जिनमें स्मार्ट सिटी और सोलर पैनल की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया गया। बायोटेक विभाग में डॉ. मनोज कुमार श्रीवास्तव (प्रिंसिपल साइंटिस्ट) ने मॉडल्स का निरीक्षण किया। कंप्यूटर साइंस विभाग में प्रो. पुनीत मिश्रा ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग आधारित छात्रों के प्रोजेक्ट्स का आंकलन किया। सिविल विभाग में डॉ. आर.के. श्रीवास्तव (पूर्व इंजीनियरिंग चीफ, UPPWD) ने सस्पेंशन ब्रिज मॉडल का आकलन किया और छात्रों को महत्वपूर्ण सुझाव दिए। मैकेनिकल विभाग में एसोसिएट डीन इनोवेशन डॉ. अनुज शर्मा ने रोबोवार और मैकेट्रॉनिक्स आधारित प्रोजेक्ट्स पर विशेष ध्यान दिया। एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग विभाग में सीडीआरआई के वैज्ञानिक कंचन गुप्ता ने मल्टीलेवल कृषि और कम लागत में अधिक उत्पादन के तरीकों पर छात्रों को उपयोगी सुझाव प्रदान किए।
मुख्य अतिथि पवन सिंह चौहान ने छात्रों को “करके सीखो” की महत्ता को समझाते हुए चीन की इकोनॉमिक्स का उदाहरण दिया। वाइस चेयरमैन पीयूष सिंह ने भारत के सेमीकंडक्टर निर्माण और निर्यात में अग्रणी भूमिका निभाने की दिशा में हो रहे प्रयासों पर प्रकाश डाला और भारतीय इंजीनियरों के उज्ज्वल भविष्य की चर्चा की।
कार्यक्रम के अंत में सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।