श्रीरामचरितमानस की भाव सहित चौपाई

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30 सितम्बर- श्रीरामचरितमानस की भाव सहित चौपाई
नमो राघवाय 🙏

राजु देन कहि दीन्ह बनु
मोहि न सो दुख लेसु ।
तुम्ह बिनु भरतहि भूपतिहि
प्रजहि प्रचंड कलेसु ।।
( अयोध्याकाण्ड, दो. 55)
राम राम 🙏🙏
कैकेई ने राजा से दो वरदान माँग लिए हैं, राम जी बुलाए जाते हैं , उनको सब पता चलता है, वे कौशल्या माँ से वन जाने की आज्ञा लेने आते हैं । कौशल्या जी कहती हैं कि राम तुमने अच्छा किया, पिता की आज्ञा पालन करना सबसे बड़ा धर्म है । राज्य देने को कह कर वन दे दिया इसका मुझे तनिक भी दुख नहीं है, दुख इस बात का है कि तुम्हारे बिना भरत को , राजा को और प्रजा को बहुत बड़ा कष्ट होगा ।
राम जी के बिना भरत जी , दशरथ जी व पूरी अयोध्या किस तरह से कष्ट में पड़ गई थी हम सब जानते हैं , इसके बाद भी अपने जीवन में हम आप बिना राम जी के सुख चाहते हैं, यह असंभव है । अतएव इस कथा से लाभ लें , राम अपनाएँ , कष्टों से मुक्ति पाकर अपना सुख बढ़ाएँ । अथ ! जय जय राम, जय जय राम 🚩🚩🚩
संकलन तरूण जी लखनऊ

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