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आंख की रोशनी मिलने से मनुष्य का जीवन नया हो जाता है: मिजाजी लाल जेल अधीक्षक
ब्यूरो चीफ आर एल पाण्डेय
लखनऊ। मनुष्य का और कोई अंग तो उससे जीवन एकदम नीरस नहीं होता है। लेकिन आंख के।बिना सब निरर्थक लगता है । आंख की रोशनी दिलाना अत्यंत पुण्य का काम है। उक्त विचार शाहजहांपुर के जेल अधीक्षक श्री मिजाजीलाल जी ने सीतापुर आंख अस्पताल सीतापुर द्वारा जय प्रभा कुटीर छीतेपुर में आयोजित नेत्र शिविर का फीता काटकर उद्घाटन करते हुए कहा कि आंख में रोशनी तो
डाक्टर के आपरेशन से आती है लेकिन उस अस्पताल तक पहुंचाना बहुत बड़ी सेवा का काम है। गांव में इस प्रकार की सेवा घर घर पहुंचाने का काम विनोबा सेवा आश्रम निरंतर कई वर्ष से कर रहा है। शाहजहांपुर की जेल में इस वर्ष दुर्गा नवव्रत मुसलमान 29 कैदी संपूर्ण व्रत रहे हैं। विनोबा विचार प्रवाह के सूत्रधार रमेश भइया ने बताया कि विनोबा सेवा आश्रम के निष्ठावान कार्यकर्ता आस पास के 50 गांवों में प्रत्येक वर्ष करते हैं। इसी का ही प्रतिफल यह होता है कि गांव गांव से सैकड़ों लोग अपनी आंख टेस्ट कराने आते हैं। जो आपरेशन के लिए उपयुक्त मिलते हैं उन्हें सीतापुर आंख अस्पताल का सेवा वाहन लेकर जाता है वहां दूसरे दिन पूरे मनोयोग से चिकित्सा करते हैं।सफल ऑपरेशन के बाद तीसरे दिन प्रत्येक को।चश्मा देकर वापस पहुंचाते हैं। गांव के सम्मानित पूर्व पोस्टमास्टर श्री राजेंद्र पाल सिंह ने कहा कि जय प्रकाश नारायण का जन्मदिन कई वर्षों से हम सब श्रद्धा से मनाते हैं। सेवाधाम मंदिर खूब सेवा का काम करता है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए जमनालाल बजाज पुरुस्कार से रचनात्मक कार्य के लिए सम्मानित विमला बहन ने कहा कि बहनों की आंख की रोशनी पहले खराब हो जाती है। उनको यह ऑपरेशन सेवा पहले जरूरत है। उन्होंने आशा व्यक्त की।सीतापुर आंख अस्पताल के श्री रामकिशोर शुक्ला जी की टीम इस कार्य को बहुत श्रद्धा से करता है। इस अवसर पर गांव के प्रधान श्री मूलचंद्र, पूर्व प्रधान मोहम्मद एहसान, श्री नन्हेलाल, श्री लाला राम, श्री अखलाक खान, श्री अशोक सिंह, देवेंद्र यादव, कौशल कुमार सक्सेना, पंडित सुधीर भाई श्री रक्षपाल जी।श्री सुरेश चंद्र।जी पंडित शिवकुमार जी आदि ने विचार व्यक्त किए। संचालन श्री जे डी अग्निहोत्री, स्वागत संबोधन श्री हरवंश कुमार और आभार जे पी सेवा ट्रस्ट के सचिव श्री मुदित कुमार ने दिया। सिलाई में सीखने वाली किशोरियों को।हाइजीन किट जेल अधीक्षक की ओर से वितरित की गई। जो उनके लिए अत्यंत उपयोगी है। सभी को भोज भी कराया गया।