12.39 अरब की लागत से राम नगरी अयोध्या में राममंदिर को जोड़ने वाली सड़को का निर्माण

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अयोध्या(राजेश श्रीवास्तव ब्यूरो चीफ)।   रामनगरी अयोध्या को विश्वस्तरीय आध्यात्मिक सिटी के रूप में विकसित करने के लिए बनाए गये विजन डॉक्यूमेंट के तहत दो प्रमुख डीपीआर मंगलवार को फाइनल हो गए हैं।सूत्र के मुताबिक ग्लोबल कंसलटेंट टीम एलईए एसोसिएट्स ने राममंदिर को जोड़ने वाली तीन सड़कों और पर्यटन सुविधा केंद्र का डीपीआर बना दिया है। इसके अनुसार राममंदिर को जोड़ने वाली 14.50 किलोमीटर सड़कों के निर्माण पर 12.39 अरब रुपये खर्च होंगे।पर्यटन सुविधा केंद्र के निर्माण में 185 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। दोनों डीपीआर को अयोध्या विकास प्राधिकरण, लोक निर्माण विभाग व पर्यटन विभाग को भेजा जा रहा है।अयोध्या के विकास के लिए केंद्र व प्रदेश सरकार दोनों प्रयासरत हैं। इसी के तहत शासन की ओर से अयोध्या को विश्वस्तरीय आध्यात्मिक व पर्यटन सिटी के रूप में विकसित किया जाना है।इसके लिए शासन के निर्देश पर अयोध्या के विकास के लिए ग्लोबल कंसलटेंट टीम एलईए एसोसिएट्स का चयन किया गया है। जिसे अयोध्या के लिए विजन डॉक्यूमेंट बनाने के साथ 21 प्रमुख योजनाओं का डीपीआर बनाने का जिम्मा दिया गया है।मौजूदा समय में विजन डॉक्यूमेंट तैयार हो चुका है। अब अयोध्या विकास प्राधिकरण डीपीआर को बनवाने पर पूरा फोकस कर रहा है। कंसलटेंट टीम की ओर से मंगलवार दो प्रमुख डीपीआर पेश कर दिए है।इसमें अयोध्या से राममंदिर को जोड़ने वाली तीन सड़कें और पर्यटन सुविधा केंद्र का डीपीआर शामिल है। राममंदिर को जोड़ने वाली सड़कों में अयोध्या-सहादतगंज मार्ग, सुग्रीव किला-राममंदिर मार्ग व शृंगारहाट-राममंदिर मार्ग शामिल है।

इसमें अयोध्या-सहादगंज मार्ग की लंबाई 13 किलोमीटर, सुग्रीव किला से श्रीराम मंदिर मार्ग की लंबाई 700 मीटर, शृंगारहाट से श्रीराम मंदिर की लंबाई 850 मीटर है। इसमें अयोध्या सहादगंज सड़क की चौड़ाई 24 से 40 मीटर के बीच होगी।यह फोरलेन विभाजित कैरेज-वे होगा। मार्ग पर यूटीलिटी एवं क्रॉस डवट्स, पैदल यात्री क्रॉसिंग, लैंड स्केपिंग, स्ट्रीट फर्नीचर, आईसीटी, साइनेज, एमएलसीपी, बस स्टॉप, सौर हेरिटेज लैंप व फसाड लाइटिंग की सुविधा रहेगी।
सड़क का निर्माण दो चरणों में होगा, इसमें प्रथम चरण में अयोध्या गेट से लेकर नया घाट तक की सड़क का निर्माण किया जाएगा। दूसरे चरण में अयोध्या गेट से सहादतगंज तक सड़क का निर्माण प्रस्तावित है।इसके अलावा दो सड़कें शृंगारहाट से राममंदिर व सुग्रीव किला से राममंदिर की लंबाई 24 मीटर है। इसमें दो लेन के साथ सड़कों पर इलेक्ट्रिक बसों के लिए आरक्षित लेन व लोगों के बैठने व वॉक की बेहतरीन सुविधा होगी।इन तीनों सड़कों का सम्मिलित डीपीआर 12.39 अरब रुपये का है। इसमें भूमि अधिग्रहण से लेकर पुनर्वास तक की पूरी व्यवस्था का निर्धारण किया गया है।इसके अलावा पर्यटन सुविधा केंद्र में विकास से संबंधित विभिन्न प्रकार की झांकियां, विभिन्न राज्यों के सांस्कृतिक दूतावास सहित पर्यटन से जुड़ी समस्त सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इसकी लागत 185 करोड़ रुपये है।
यह अयोध्या के महारानी हो के पार्क के पास बनाया जाना प्रस्तावित है। दोनों डीपीआर मिलने के बाद अयोध्या विकास प्राधिकरण संबंधित कार्यदायी संस्था को डीपीआर भेजा रहा है। संबंधित कार्यदायी विभाग अब आगे की निर्माण की प्रक्रिया शुरू कराएंगे।
अयोध्या में राममंदिर को जोड़ने वाले तीन प्रमुख मार्गों का पहले भी डीपीआर बन चुका था। इसमें पीडब्ल्यूडी की ओर से पहले तीनों सड़कों का सर्वे व डीपीआर तैयार किया गया था।इसमें सड़कों की अनुमानित लागत 861 करोड़ रुपये के आसपास की बताई गई थी लेकिन अब कंसलटेंट टीम की ओर से तीन सड़कों का जो डीपीआर बनाया गया है उनमें कुल लागत 12.39 करोड़ अरब रुपये है।
इसमें 378 करोड़ रुपये पहले की अपेक्षा अधिक खर्च होने हैं। इसके विपरीत पर्यटन सुविधा केंद्र की लागत सर्वे में 228 करोड़ रुपये के आसपास मानी गई थी। अब यह घटकर 185 करोड़ रुपये हो गई है।
निर्धारित समयानुसार ग्लोबल कंसलटेंट एलईए एसोसिएट्स की ओर से मंगलवार को 21 प्रमुख योजनाओं केे डीपीआर में से दो प्रमुख डीपीआर फाइनल कर दिए गये।वही अयोध्या विकास प्राधिकरण के सचिव आर पी सिंह के मुताबिक इसमें राममंदिर को जोड़ने वाली तीन प्रमुख सड़कें व पर्यटन सुविधा केंद्र शामिल हैं। राममंदिर को जोड़ने वाली सड़कों की लागत 12.39 अरब रुपये व पर्यटन सुविधा केंद्र की लगात 185 करोड़ रुपये है। इस दोनों डीपीआर को संबंधित विभागों को भेजा जा रहा है।

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