श्रीरामचरितमानस की भाव सहित चौपाई

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19 अक्तूबर-श्रीरामचरितमानस की भाव सहित चौपाई
नमो राघवाय 🙏

एहिं कलिकाल न साधन दूजा ।
जोग जग्य जप तप ब्रत पूजा ।।
रामहि सुमिरिअ गाइअ रामहि।
संतत सुनिअ राम गुन ग्रामहि ।।
( उत्तरकांड 129/3)
राम राम 🙏🙏
राम कथा पूर्ण करते हुए तुलसी बाबा कहते हैं कि इस कलियुग में योग , यज्ञ , जप , तप , व्रत , पूजन आदि कोई दूसरा साधन नहीं है । केवल राम स्मरण, राम गुणगान व राम जी के गुणों को सतत श्रवण करना चाहिए ।
इस बुरे युग में राम जी की कृपा इन्हीं तीनों साधनों से हम आप पा सकते हैं । जो करते हैं वह तो ठीक और जो नहीं करते हैं और उन्हें बढ़ाएँ। राम स्मरण, राम गुणगान व राम गुन श्रवण में अपने मन को रचाएँ , बसाएँ । अस्तु! राम राम जय राम राम 🚩🚩🚩
संकलन तरूण जी

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