श्रीरामचरितमानस की भाव सहित चौपाई

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20 अक्तूबर- श्रीरामचरितमानस की भाव सहित चौपाई
नमो राघवाय 🙏

कलिमल समन दमन मन,
राम सुजस सुखमूल ।
सादर सुनहिं जे तिन्ह पर,
राम रहहिं अनुकूल ।।
( अरण्यकांड, दो. 6)
राम राम 🙏🙏
राम जी चित्रकूट से आगे चलते हैं और अत्रि मुनि के आश्रम आते हैं । अत्रि जी अपने सौभाग्य को सराहते हैं व राम यश का गान करते हैं । तुलसी बाबा कहते हैं कि राम जी का यश कलियुग के पापों का नाश करने वाला, मन का दमन करने वाला और सुख का मूल है । जो लोग राम यश को आदर पूर्वक सुनते हैं उन पर राम जी प्रसन्न रहते हैं ।
राम जी का यश कलियुग के पापों को नष्ट करने वाला, मन को नियंत्रित करने वाला व सुख देने वाला है । मन ही तो हमारा आपका नियंत्रण में नहीं रहता है , इधर उधर भागता रहता है , पापों में हमें लगाता है । राम यश श्रवण हमारे मन को साधता है , राम जी को हमारे अनुकूल करता है । अस्तु! और कुछ नहीं बस राम यश को आदर से सुनें व राम कृपा के पात्र बनें । अथ ! श्रीराम जय राम जय जय राम 🚩🚩🚩
संकलन तरूण जी लखनऊ

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