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अयाेध्या(संवाददाता) सुरेंद्र कुमार गौतम। अयोध्या में जमीन खरीद मामले में विपक्षी दलों पर भ्रम फैलाने और मंदिर निर्माण में बाधा खड़ी करने का आरोप लगाते हुये श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंददेव गिरि ने दावा किया कि जमीन खरीद मामले में किसी प्रकार की वित्तीय अनियमितता नहीं हुयी है और सारा कार्य कानून के दायरे में रह कर किया गया है।मणिरामदास छावनी में पत्रकारों से बातचीत में स्वामी गोविंददेव ने कहा “ रामलला काे साक्षी मानकर कहता हूं कि श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा जमीन खरीद मामले में किसी प्रकार की वित्तीय अनियमितता नही हुई है। सारा कार्य कानून के दायरे में रहकर किया गया। जाे 100 प्रतिशत सही है।उन्हाेंने कहा अयाेध्या में राममंदिर निर्माण का कार्य अबाध गति से आगे बढ़ रहा है। हम सब निश्चित रूप से अपेक्षा रखते हैं कि तय समय सीमा में रामलला का भव्य मंदिर बनकर तैयार हो जायेगा और भगवान अपने दिव्य स्थान पर विराजमान हाेंगे। जहां हम सभी साधु-संत व रामभक्त उनका दर्शन कर सकेंगे। महंत ने कहा कि मंदिर निर्माण कार्य की गति में अवराेध पैदा करने की कुछ घटनाएं विगत दिनाें में घटित हुई हैं, जिसमें कुछ राजनेता और तथाकथित धर्माचार्य शामिल हैं। ऐसे लाेगाें ने आपत्ति उठायी कि रामजन्मभूमि ट्रस्ट द्वारा जमीन खरीद-फराेख्त में घाेटाला हुआ है। ऐसे अनर्गल और मिथ्या आरोपों से ट्रस्ट को जानने वाले और रामभक्त विचलित नही हुए, लेकिन सामान्य जनता के मन में प्रसार माध्यमाें के जरिये भ्रम की स्थिति पैदा हाे गई, जिसके कारण ट्रस्ट के पदाधिकारियों को सफाई देने के लिये आना पड़ा।उन्होने कहा “ मैं पिछले तीन दिनाें से अयाेध्या में हूं। मेरे साथ चार्टर्ड एकाउंटेंट, वकील व लेखपाल की भी टीम आयी है। जिसने मेरे साथ ट्रस्ट द्वारा खरीदी गई जमीन जांच-पड़ताल किया। उस जांच-पड़ताल में जाे बातें निकल कर सामने आयीं। वह यह थी कि रामजन्मभूमि ट्रस्ट ने जाे भूमि सम्पादन किया है। उसमें किसी भी प्रकार की अनियमितता नही है। स्वामी ने कहा “ ट्रस्ट की प्रथम बैठक से ही मैं एक बात से आग्रही रहा कि रामजन्मभूमि का परिसर 108 एकड़ तक विस्तारित करना चाहिए क्याेंकि हम लाेग दुनिया के सामने जिस प्रकार का मंदिर खड़ा करना चाहते हैं। वह दुनिया में निश्चित रूप से एक प्रभावी, हमारी संस्कृति का विस्तार करने और मनाेज्य दर्शन कराने वाला मंदिर हाे। ट्रस्ट गर्भगृह के आस-पास का स्थान मंदिर के रूप में जाे निर्माण कर रहा है। उसके चाराें ओर परकाेटा बनना है। उस परकाेटा के लिए न्यास के पास आवश्यक भूमि नही थी। इसलिए रामजन्मभूमि परिसर के इर्द-गिर्द भूमि संपादन करना अनिवार्य था, जिससे मंदिर के चाराें दिशाओं में परकाेटा बन सके। ऐसी अनेक बाताें काे लेकर भू संपादन करने का कार्य आरम्भ किया गया। इसके लिए अयाेध्या में निवास करने वाले ट्रस्ट के सदस्याें की एक समिति बनाकर भूमि संपादन के कार्य काे गतिमान किया गया। भू संपादन का कार्य जब आगे बढ़ा। ताे उसमें भ्रष्टाचार, जमीन घाेटाले जैसे शब्दाें का प्रयाेग करके लाेगाें काे भ्रमित करने का काम किया गया। यह देखकर हम सबने खाेजबीन की, जिसमें पहली बात इस प्रकार की भूमि का ग्रहण करना आवश्यक था। यह हमारे न्यास की आवश्यकता थी जिससे राममंदिर का निर्माण भव्यता के साथ हाे सके। ट्रस्ट जाे कुछ भी जमीनें खरीद-फराेख्त की। वह साै प्रतिशत कानून के दायरे में रहकर किया गया।उन्होने कहा कि इसमें अवैधानिक कुछ भी नही है। साथ ही ट्रस्ट ने जाे जमीनें खरीदी। वह अयाेध्या में बाजार भाव से कम कीमत पर खरीदा गया है। इस बात पल ध्यान देना नितांत आवश्यक है। उन्हाेंने कहा कि जमीन घाेटाले का आराेप लगाकर रामभक्ताें काे भ्रमित करने का प्रयास किया गया। सारे प्रयास का एक ही उद्देश्य दिखता है कि कुछ राजैनतिक लाेग अपनी तुच्छ राजनीति के लिए राममंदिर कार्य में बाधा डालने का काम कर रहे हैं। वह रामलला का मंदिर नही बनने देना चाहते हैं। वह लाेग इसी उद्देश्य से कार्यरत हैं जिन्हाेंने रामजन्मभूमि ट्रस्ट पर जमीन घाेटाले का आराेप लगाया और पूरे देश में भ्रम का वातावरण फैलाया है। उनकाे मेरी चुनाैती है कि रामकाेट के भीतर कहीं भी इससे कम मूल्य में जमीन दिला दें। हम लाेग उसकाे लेने के लिए तैयार हैं। उनसे जब आप सांसद संजय सिंह द्वारा ट्रस्ट के खिलाफ दिए गए तहरीर के बारे में पूछा गया ताे उस पर उन्हाेंने काेई जवाब नही दिया। यहां तक कि जमीन घाेटाले का आराेप लगाने वालाें पर क्या ट्रस्ट कार्यवाई करेगी ताे उस सवाल पर वह माैन साध गए।