श्रीरामचरितमानस की भाव सहित चौपाई

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28 अक्तूबर- श्रीरामचरितमानस की भाव सहित चौपाई
नमो राघवाय 🙏

शुद्ध सच्चिदानन्दमय,
कंद भानुकुल केतु ।
चरित करत नर अनुहरत,
संसृति सागर सेतु ।।
( अयोध्याकाण्ड, दो.87)
राम राम 🙏🙏
राम जी लक्ष्मण व सीता जी सुमंत्र के साथ रथ पर सवार हो वन के लिए चल पड़े हैं । पहले दिन तमसा नदी तट पर रात ब्यतीत कर भोर में ही वहाँ से चल पड़ते हैं और सृंगवेरपुर पहुँचते हैं । गंगा जी को देखकर वे प्रणाम करते हैं । राम जी ने गंगा जी की महिमा सुनाते हुए गंगा जी को निहार रहे हैं , फिर स्नान करते हैं जिससे उनकी थकावट दूर हो जाती है और गंगा जी का पवित्र जल पीते ही उनका मन प्रसन्न हो जाता है । सच्चिदानंद भगवान राम जी मनुष्यों की भाँति ऐसा ब्यवहार कर रहें हैं जो संसार रूपी सागर से पार जाने के लिए पुल समान है ।
सच्चिदानंद राम जी ने अपने इस अवतार में सामान्य मनुष्यों जैसा ब्यवहार कर हमें जीवन जीने का मार्ग दिखाया है , जिसका अनुकरण कर हम आप संसार सागर आसानी से पार उतर सकते हैं । अत: सरस जीवन के लिए सरल राम चरित का अनुकरण करें । अथ ! जय जय रामचरित, जय जय सीताराम, 🚩🚩🚩
संकलन तरूण जी लखनऊ

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