Getting your Trinity Audio player ready...
|
“रिसर्च मेथडोलॉजी” विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला आयोजित
ब्यूरो चीफ आर एल पाण्डेय
लखनऊ। श्री जय नारायण मिश्र महाविद्यालय मे आज “रिसर्च मेथडोलॉजी” विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला (ICPD-2024) का आयोजन किया गया।
कार्यशाला का आयोजन, एथनोग्राफिक एंड फोक कल्चर सोसायटी एवं इंडियन सोशियोलॉजिकल सोसाइटी के संयुक्त तत्वावधान में शोधार्थी, शिक्षकों एवं छात्र-छात्राओं के लिए किया गया है।
कार्यशाला का शुभारंभ, मुख्य अतिथि एवं की -नोट वक्ता, प्रो संजय सिंह, निदेशक, गिरी इंस्टिट्यूट ऑफ डेवलपमेंट स्टडीज, लखनऊ के कर कमलो द्वारा दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ।
इस अवसर उन्होंने कहा कि, एक अच्छे शैक्षिक वातावरण मे स्वाभाविक रूप से सीखने के लिए बहुत कुछ होता है। उन्होंने बताया कि कानपुर के क्राइस्ट चर्च कॉलेज से उन्होंने अपने कैरियर की शुरुआत की थी। वहां स्टाफ रूम बहुत ही अच्छा था। अर्थात सीनियर टीचर्स और बाकी टीचर्स बहुत ही सक्षम और योग्य थे। सीखने के लिए केवल उनकी संगति ही काफी थी। उन्होंने कहा कि एक अच्छे शोधार्थी होने के लिए एक विकसित अंतर्दृष्टि का होना आवश्यक है।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि, प्रो सुकांत चौधरी, ने कहा कि, शोध करने वाले का न्यूट्रल होना आवश्यक है। शोध समस्या के प्रति उसके मन में किसी तरह का पूर्वाग्रह नहीं होनी चाहिए।
उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता, प्रो आनंद सिंह, क्वाजुलु यूनिवर्सिटी, डर्बन, साउथ अफ्रीका ने की।
इस अवसर पर महाविद्यालय प्राचार्य एवं दो दिवसीय कार्यशाला के निदेशक, प्रो विनोद चंद्रा ने 16 ए 17 नवंबर को दो दिनों तक चलने वाली कार्यशाला एवं 18,19 एवम 20 नवंबर, 2024 को होने वाले अंतरराष्ट्रीय सेमिनार की रूपरेखा प्रस्तुत की।
कार्यशाला में चले प्रथम तकनीक सत्र में प्रो विवेक कुमार, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय नई दिल्ली ने शोध कार्य के लिए आवश्यक व्यवहारिक एवं सैद्धांतिक पक्षो पर चर्चा की।
दूसरे सत्र में प्रो आनंद सिंह,क्वाजुलु यूनिवर्सिटी, डर्बन, साउथ अफ्रीका ने प्रतिभागियों को क्वालिटेटिव रिसर्च और उसके सामाजिक संदर्भो के विषय में जानकारी दी।
कार्यशाला के तीसरे सत्र को डॉ शांभवी तिवारी, कोपेन हेगेन, डेनमार्क ने संबोधित किया। उन्होंने डाटा एनालिसिस और आर प्रोग्रामिंग के विषय में शोधार्थियों को विस्तार से बताया।
प्रो एस के सिंह, इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ पापुलेशन साइसेज ने कार्यशाला के चौथे सत्र को संबोधित किया। उन्होंने डेटा संग्रह एवं विशाल डाटा समूह के संकलन एवं हैंडलिंग के बारे में शोधार्थियों को विस्तार से बताया।
शोभाटियों के लिए विशेष रूप से आयोजित इस कार्यशाला को महाविद्यालय एवं विभिन्न संस्थाओं से आए हुए शिक्षकों ने भी अटेंड किया।
कार्यशाला का संचालन डॉ नीलम अग्रवाल ने किया।
प्रो अनीता बाजपेई ने इस अवसर पर सभी के प्रति आभार व्यक्त किया।
कार्यशाला में शोधार्थी गण एवम अनेक शिक्षक उपस्थित रहे ।