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25 नवम्बर- श्रीरामचरितमानस की भाव सहित चौपाई
नमो राघवाय। 🙏
एहिं कलिकाल न साधन दूजा
जोग जग्य जप तप ब्रत पूजा
रामहि सुमिरिअ गाइअ रामहि
संतत सुनिअ राम गुन ग्रामहि ।।
( उत्तरकांड 129/3)
राम राम 🙏🙏
राम कथा को पूर्ण करते हुए तुलसी बाबा कहते हैं कि इस कलियुग में योग , यज्ञ , जप , तप , व्रत और पूजन आदि कोई दूसरा साधन नहीं है । इस कलियुग में तो राम स्मरण, राम गुणगान करना एवं राम जी के गुण समूहों को श्रवण करना चाहिए ।
श्री राम स्मरण, राम गुणगान करना एवं राम जी के गुण पुंजों का श्रवण ये तीन साधन अपना कर आप अपने जीवन के लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं । अथ! राम राम जय राम राम 🚩🚩🚩
संकलन तरूण जी लखनऊ