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सृष्टि फाउंडेशन द्वारा कवि सम्मेलन ‘काव्य स्पंदन’ का आयोजन, मुंबई में एक अद्भुत सांस्कृतिक संध्या
महाराष्ट्र ब्यूरो चीफ विपिन गुप्ता
सृष्टि फाउंडेशन ,डेल्फिक और आरकेएसस द्वारा मुंबई स्थित राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय के ऐतिहासिक सभागार में कवि सम्मेलन ‘काव्य स्पंदन’ का आयोजन किया गया। इस आयोजन ने साहित्य प्रेमियों को एकजुट कर उन्हें भारतीय कविता के विविध रूपों से रूबरू कराया। इस कार्यक्रम में विविध शैलियों के कवि मंच पर उपस्थित हुए और अपनी कविताओं के माध्यम से श्रोताओं को अभिभूत किया।
इस शानदार आयोजन में अनेक प्रमुख कविगणों ने अपनी रचनाओं से साहित्यिक समृद्धि का अनुभव कराया। इस कार्यक्रम की विशेषता यह थी कि इसमें भारतीय कविता की विविध शैलियों का संगम देखने को मिला। आईएएस अखिलेश मिश्रा ने गीतों के माध्यम से अपनी संवेदनाओं को साझा किया, जिनकी रचनाओं में समाज और जीवन की गहरी समझ छिपी होती है। उनकी कविताओं में निरंतरता और भावनाओं का प्रवाह था जो श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर गया।
सांस्कृतिक मंत्रालय की अधिकारी और कवयित्री निधि चौधरी ने भी इस मंच पर अपनी कविता से श्रोताओं का दिल जीता। उनकी रचनाओं में सामाजिक मुद्दों और मानवता की सुंदर प्रस्तुति देखने को मिली।
डा. प्रज्ञा शर्मा ने अपनी ग़ज़लों के माध्यम से शायरी की नज़ाकत और दिलकश अंदाज को पेश किया। उनकी शायरी में मोहब्बत और दर्द की गहरी भावना थी, जो श्रोताओं को सीधे उनके दिल तक उतर रही थी। राजेश श्रीवास्तव ने दोहे और गीतों के माध्यम से भारतीय संस्कृति और जीवन दर्शन को उजागर किया। उनके रचनात्मक शब्दों ने श्रोताओं को सोचने पर मजबूर कर दिया।
सविता असीम की ग़ज़लें अपनी चाशनी में मीठी तो थीं, लेकिन उनकी हर एक पंक्ति में गहरे अर्थ छिपे हुए थे। उनकी कविताओं में नयापन और दिल को छू लेने वाली संवेदनाएँ थीं। वहीं, विभोर चौधरी ने व्यंग्य के माध्यम से समाज के कई पहलुओं पर तंज कसा। उनकी शैली में हास्य के साथ-साथ गहरी सामाजिक और राजनीतिक समझ थी, जिसने श्रोताओं को हंसी में सरोवर में डुबो दिया। प्रबुद्ध सौरभ की ग़ज़लें भी श्रोताओं के दिलों को छूने में सफल रही। उनकी गहरी सोच और सटीक शब्दों ने शायरी की आत्मा को जीवंत कर दिया।
अविनाश त्रिपाठी ने भी ग़ज़ल के माध्यम से प्यार, ग़म और समाज की सच्चाई को संवेदनशील रूप में प्रस्तुत किया। उनके शब्दों में गहरी समझ और संवेदनशीलता का अद्भुत मिश्रण दिखा। विकास कौशिक ने ओज के शेरों से श्रोताओं का उत्साह बढ़ाया। उनके शब्दों में शक्ति और प्रेरणा का संचार था जो हर श्रोता को जोश से भर देता था। ज्योति त्रिपाठी ने ओज और श्रृंगार की कविता के माध्यम से दर्शकों को रोमांटिक और प्रेरणादायक दोनों भावनाओं का अनुभव कराया। उनकी कविता में गहराई और शृंगारिकता का अद्भुत संतुलन दिखा। इंडियन आइडियल विजेता रवि त्रिपाठी ने अपनी आवाज़ और कविता से तालियां बटोरीं। उनकी प्रस्तुति में एक अद्भुत संगीत और शब्दों का सम्मिलन था, जिसने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।असलम हसन (आईआरएस)ने अपने काव्य पाठन से श्रोताओं का दिल जीत लिया
यह आयोजन सृष्टि फाउंडेशन द्वारा कविता और साहित्य के प्रति प्रेम और समर्पण को प्रदर्शित करने के उद्देश्य से किया गया था। फाउंडेशन का मानना है कि भारतीय साहित्य में कवियों की अहम भूमिका होती है और उनके शब्द समाज को जागरूक करते हैं। इस अवसर पर सृष्टि फाउंडेशन के अध्यक्ष बिपिन गुप्ता ने कहा कि उनका उद्देश्य साहित्य और कला के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाना है।
कार्यक्रम में IAS निधि चौधरी ने भी अपने विचार साझा करते हुए कहा कि साहित्य और कला से समाज का हर पहलू प्रभावित होता है, और ऐसी कवि संमेलनों का आयोजन समाज में सृजनात्मकता और संवेदनशीलता का संचार करता है। ‘काव्य स्पंदन’ कार्यक्रम ने साहित्य प्रेमियों को एक साथ लाकर एक अद्भुत सांस्कृतिक अनुभव दिया। कवियों की प्रस्तुतियाँ और उनकी रचनाओं ने कार्यक्रम को अविस्मरणीय बना दिया।