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पौष माह संक्रान्ति पर्व पर सजा दीवान
ब्यूरो चीफ आर एल पाण्डेय
लखनऊ। पौष माह संक्रान्ति पर्व श्री गुरु सिंह सभा गुरूद्वारा नाका हिण्डोला,लखनऊ में बड़ी श्रद्धा एवं सत्कार के साथ मनाया गया।
इस अवसर पर शाम का विशेष दीवान 5.45 बजे रहिरास साहिब के पाठ से प्रारम्भ हुआ जो रात्रि 9ः30 बजे तक चला जिसमें रागी जत्था भाई राजिन्दर सिंह जी ने अपनी मधुर वाणी में शबद कीर्तन –
पोखि तुखारू न विआपइी कंठि मिलिया हरि नाहु।। मन बेधिआ चरनारबिंद दरसनि लगड़ा साहु।। गायन एवं नाम सिमरन द्वारा संगत को निहाल किया तत्पश्चात् विशेष रूप से पधारे भाई निशांन सिंह जी ऑस्ट्रेलिया वालों ने दिल को छू देने वाले धार्मिक गुरमत विचार व्यक्त किये। मुख्य ग्रंथी ज्ञानी गुरजिंदर सिंह जी ने ईश्वरीय गुणों एवं पौष माह संक्रान्ति पर्व की महत्ता का वर्णन करते हुए कहा कि इस माह में गुरू जी उपदेश देते हैं कि जो मनुष्य हर वक्त प्रभु भक्ति में लीन रहते हैं और प्रभु को पाने की आशा रखते हैं, ऐसे जिज्ञासु मनुष्यों पर किसी भी ऋतु एवं मोह माया का कोई प्रभाव नहीं पड़ता, वह प्रभु भक्ति को अपने जीवन का आधार बना लेते हैं जिस प्रकार मछली पानी से बिछुड़ कर तड़पती है और प्राण त्याग देती है क्योंकि उसके जीवन का आधार पानी है वह अपने आधार को छोड़कर जिन्दा नहीं रह सकती है। इसी प्रकार ईश्वर के प्यारे अपने जीवन का आधार प्रभु भक्ति बना लेते हैं। ऐसे सच्चे भक्तों के अवगुणों को अनदेखा कर प्रभु
अपने में समा लेते हैं। ऐसे महापुरूषों के दर्शन बहुत मुश्किल से हो पाते हैं। कार्यक्रम का संचालन सरबजीत सिंह धार्मिक सचिव ने किया।
दीवान की समाप्ति के पश्चात गुरूद्वारा प्रबन्धक कमेटी के सदस्यों ने आयी साध संगतों को पौष माह संक्रान्ति पर्व की बधाई दी।
समाप्ति के उपरांत गुरू का लंगर श्रद्धालुओं में वितरित किया ।