सभी विभाग जब मिलकर काम करेंगे तभी कुछ प्रोडक्टिव होगा

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सभी विभाग जब मिलकर काम करेंगे तभी कुछ प्रोडक्टिव होगा

ब्यूरो चीफ आर एल पाण्डेय

लखनऊ। दो दिवसीय इंटरनेशनल कांफ्रेंस का समापन आर आर ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस, बी के टी, लखनऊ में बायोवर्स टेक्नोलॉजीज के सहयोग से सम्पन्न हुआ
समापन के आवसर पर मुख्य अतिथि प्रोफ.डा. अभिनव श्रीवास्तव (डायरेक्टर जनरल) ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से 64% ग्रोथ हुआ है। कॉरपोरेट में और ये आंकड़ा और बढ़ेगा। विशेष अतिथि प्रो. डॉ. मनसफ आलम ने आर्टिफिशल इंटेलिजंस के बढ़ते प्रभाव और भविष्य में
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जीव विज्ञान की कॉम्प्लेक्स प्रॉब्लम सॉल्व करने की क्षमता पर विशेष प्रकाश डालते हुए कहा कि यह भारतीय इकोनॉमी को मजबूती प्रदान कर रहा है।
प्रोफेसर भरत मिश्रा(डायरेक्टर फार्मेसी, डॉ शकुंतला मिश्रा विश्वविद्यालय, लखनऊ) , प्रोफेसर अविनाश त्रिपाठी(डायरेक्टर, आर जी एस कॉलेज, लखनऊ), डॉ आशुतोष यादव, असिस्टैंट प्रोफेसर, डॉ शकुंतला मिश्रा विश्वविद्यालय, लखनऊ), डॉ संजय यादव(असिस्टेंट प्रोफेसर, फार्मेसी, डॉ शकुंतला मिश्रा विश्वविद्यालय, लखनऊ), डॉ अवनीश कुमार, डायरेक्टर, नोवा फार्मा कॉलेज, डॉ पंकज कुमार सोनार(असिस्टैंट प्रोफेसर, गवर्नमेंट फार्मा कॉलेज, गोरखपुर) एवं अन्य सभी ने लाइफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी को फार्मा और मैनेजमेंट के साथ मिल के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर काम करने पर ज़ोर दिया।

संस्थान के निदेशक डा. एस पी त्रिपाठी ने कहा कि सभी विभाग जब मिल के काम करेंगे तभी कुछ प्रोडक्टिव होगा उन्होंने इस मल्टी डिसिप्लिनरी इंटरनेशनल कांफ्रेस में आए सभी वक्ताओं का स्वागत किया और आभार व्यक्त किया।

डा. आकाश सिंह ने बताया कि आज जीव विज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित रिसर्च पेपर के प्रेजेंटेशन मे फार्मेसी एवं जैव प्रौद्योगिकी के विभिन्न पेपर प्रस्तुत अभ्यर्थियों द्वारा प्रस्तुत किए गए और विजेता को सम्मानित किया गया।
आगे डॉ सिंह ने बताया कि भविष्य में जैव प्रौद्योगिकी एवं फार्मेसी मे बढ़ती रुचि कैसे देश की प्रगति पर सकारात्मक असर डाल सकती है।
प्रॉफ. जे के श्रीवास्तव(निदेशक जैव प्रौद्योगिकी, एमिटी विश्वविद्यालय, लखनऊ) और प्रॉफ. विनय द्विवेदी (निदेशक जैव प्रौद्योगिकी, एमिटी विश्वविद्यालय, ग्वालियर, मध्यप्रदेश), डॉ राजीव कुमार (एसोसिएट प्रोफेसर, एमिटी, नोएडा), और श्री धीरेन्द्र कुमार सिंह जी (डिलीवरी मैनेजर, एक्सेंचर) मुख्य वक्ता के रूप में मौजूद रहे।
प्रोफेसर डॉ. आर के दीक्षित,(फार्मेकोलाॅजी विभाग, केजीएमयू, लखनऊ) ने विशेष तौर पर जैव प्रौद्योगिकी की फार्मा रिसर्च में उपयोगिता पर विशेष प्रकाश डाला। डॉ धीरेन्द्र कुमार (विभागाध्यक्ष, जैव प्रौद्योगिकी विभाग, आर आर जी आई, लखनऊ) ने संस्थान के शिक्षा जगत मे जैव प्रौद्योगिकी को बढावा देने के प्रयासों पर विशेष प्रकाश डालते हुए सभी अतिथियों, विशिष्ट अतिथियों, मुख्य अतिथि एवं पूरी कॉन्फ्रेंस की मैनेजमेंट कमेटी को कॉन्फ्रेंस के सफलतापूर्वक क्रियान्वयन के लिए धन्यवाद दिया।

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