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उर्दू अकादमी द्वारा भारत रत्न अटल उर्दू सम्मान से सम्मानित हुई 4 विभूतियां
ब्यूरो चीफ आर एल पाण्डेय
लखनऊ।उ0प्र0 उर्दू अकादमी के तत्वावधान में ‘सेमिनार और अटल उर्दू सम्मान कार्यक्रम’ के नाम उर्दू अकादमी के प्रेक्षागृह में हुआ, इस कार्यक्रम मंे ‘भारत रत्न अटल बिहारी बाजपेई के व्यक्तित्व व कृतित्व’ विषय पर स्कालर ने अपने-अपने पर्चे पढ़े, जिनमें डॉ0 नुज़हत फात्मा, सीमा सिद्दीक़ी, डा0ॅ मसीउद्दीन ख़ान, रा’िाद ख़ां और अतिया बी शामिल थे।
इस अवसर पर उ0प्र0 उर्दू अकादमी के सचिव शौकल अली ने अटल जी के जीवन पर प्रकाश डालने के साथ-साथ उर्दू अकादमी की उपलब्धियां भी बतायी, फिर सचिव जी के करकमलों द्वारा चार विभूतियों को ‘भारत रत्न अटल उर्दू सम्मान’ द्वारा सम्मानित किया गया, इन सम्मानित होने वाली विभूतियों में अतहर नबी, डा0 अनिल रस्तोगी, जयन्त कृष्णा व नवाब मसूद अब्दुल्लाह शामिल थे। सम्मान के बाद इन चार विभूतियों ने अटल जी के साथ अपनी-अपनी मुलाक़ातों का ज़िक्र किया। अतहर नबी ने अटल जी के सरल स्वभाव का ज़िक्र करते हुए बताया, ‘‘जब अटल जी सिर्फ सासंद थे और ला-प्लास कॉलोनी में ठहरे थे, तो मै मिलने गया, तो अटल जी सिर्फ धोती और कुर्ते में बैठे थे, हमको देखकर गर्मजोशी से मिले और फिर अपने हाथों से चाय बनाई।’’ इसी तरह नवाब मसूद अब्दुल्लाह ने अपने भाई नवाब मीर जाफर अब्दुल्लाह से अटल जी की मुलाक़ात बताते हुए कहां, ‘‘कि जब अटल जी ने अपने प्रधानमंत्री काल में ही लखनऊ में ईद के अवसर पर ईद मिलन का कार्यक्रम रखा था, हम लोगो का निमन्त्रण भी आया, जब बड़े नवाब साहब अटल जी के करीब गये और बोले ‘ईद की मुबारक बाद देने के लिए क्या सिर्फ हाथ मिलाना काफी है, तो अटल खड़े होकर नवाब साहब के गले लगे, जबकि उसी दौर में अटल जी के घुटनों का आपरेशन हुआ था, ये अपनाईत वाला अटल का स्वभाव था’’। बाक़ी वक्ताओं ने भी अटल जी के जीवन पर प्रकाश डाला।
इस अवसर पर करामत, शिया, यूनिटी, कैरियर, खुनखुन व मुफ्तीगंज कालेज की उन 30 छात्र-छात्राओं को ‘अटल उर्दू’ सम्मान दिया गया, जो छात्र-छात्रायें उर्दू विषय में अच्छे नम्बरों से सफल हुए थे। अन्त में धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम के संयोजक एस.एन.लाल ने दिया, कार्यक्रम का संचालन खलील ख़ान ने किया। इस अवसर पर अटल जी के चित्रों की एक दिवसीय प्रदशर्नी भी लगी थी।