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अयाेध्या (संवाददाता) सुरेंद्र कुमार। बहुजन समाज पार्टी उत्तर प्रदेश में ब्राह्मणों को लुभाने और सत्ता में वापसी की तैयारी कर रही है। अध्यक्ष मायावती ने 18 जुलाई को कहा कि ब्राह्मण बीजेपी को वोट नहीं देंगे और उनकी पार्टी अगले सप्ताह अयोध्या से समुदाय को ‘जागृत’ करने के लिए एक अभियान शुरू करेगी। मीडियाकर्मियों से बात करते हुए मायावती ने कहा कि उन्हें पूरा भरोसा है कि ब्राह्मण समुदाय भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से गुमराह नहीं होगा और आगामी चुनावों में उनकी पार्टी को वोट देगा।बसपा ने 2007 में ब्राह्मणों के समर्थन से यूपी में बहुमत की सरकार बनाई थी। मायावती ने किसानों के मुद्दे पर नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर भी निशाना साधा।
उन्होंने कहा कि सभी राजनीतिक दलों को एक साथ आना चाहिए और केंद्र को जवाबदेह ठहराना चाहिए। मायावती ने कहा, “तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के प्रति केंद्र का उदासीन रवैया बेहद दुखद है,यह आवश्यक है कि संसद में केंद्र पर हर तरह का दबाव डाला जाए।मायावती ने कहा कि बसपा सांसद सोमवार से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र के दौरान ईंधन और रसोई गैस की कीमतों में वृद्धि और कोविड टीकाकरण से संबंधित मुद्दों को उठाएंगे,कांग्रेस को उम्मीदवारों की तलाश जारी है, बाकी दल संगठन मजबूत करने में जटे। यूपी में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिये पार्टियों ने कमर कस ली है। चुनाव में कुछ ही महीने शेष हैं और राजनीतिक दल तैयारियों में जी जान से जुट गए हैं। एक तरफ गठबंधन की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं तो दूसरी ओर पार्टी की मजबूती और तैयारियों में आगे रहने पर भी जोर है। सत्ताधारी दल का पुराने साथियों को जोड़े रखने पर जोर है तो विपक्ष नए समीकरण गढ़ने में जुटा है। पर खुलकर पत्ते अब तक किसी ने नहीं खोले हैं। इस बीच कांग्रेस ने अभी से उम्मीदवारों की तलाश शुरू कर दी है। वही सपा और बसपा जैसे बाकी दल संगठन की मजबूती में जुट गए हैं। बसपा ब्राह्मण सम्मेलन करेगी। कोशिश मूल वोट को एकजुट रखने के साथ ही दूसरी पार्टियों के बेस वोटों में सेंधमारी की है। संगठनों के नए पदाधिकारी इसी रणनीति के तहत तय किये जा रहे हैं।प्रत्याशियाें के चयन करने में कांग्रेस जुटी है।
कांग्रेस इस बार यूपी में प्रियंका गांधी के नेतृत्व में आक्रामक रणनीति के साथ मैदान में कूदने जा रही है। यूपी में दलित पाॅलिटिक्स को हवा देने से लेकर कानून व्यवस्था, बेारोजगारी और महंगाई जैसे जनता से जुड़े मुद्दों को लेकर प्रियंका गांधी समेत पूरी कांग्रेस सरकार पर हमला करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है। इस बीच कांग्रेस प्रत्याशियों के चयन में जुटी है। लखनऊ में कई नेता इंटरव्यू भी दे आए हैं। विधानसभावार नाम मांगे गए हैं तो नेताओं ने भी अपनी दावेदारी पेश की है। नाम के साथ ही संभावित प्रत्यािशियों की क्षेत्र में पकड़, उन्हें टिकट क्यों दिया जाय, कास्ट फैक्टर, उस सीट के दूसरे दलों के संभावित प्रत्याशियों के नाम समेत सारी जानकारियां भी मांगी गई हैं। कई सीटों पर संभावित मजबूत प्रत्याशियों को अभी से तैयारियों में जुट जाने का इशारा भी मिला है।
समाजवादी पार्टी बेस वोट और संगठन की मजबूती में जुड़ी है। युवा सेना को मैदान में उतारते हुए सपा ने अपने चारों फ्रंटल संगठनों प्रदेश कार्यकारिणी घोषित कर दी है। संगठनों की कार्यकारिणी के नाम तय कर दिये गए हैं। मुलायम सिंह यादव यूथ ब्रिगेड की प्रदेश कार्यकारिणी घोषित की गई है और ब्रिगेड के 33 जिला महानगर अध्यक्ष बनाए गए हैं। इसी तरह लोहिया वाहनी की भी 51 सदस्यी प्रदेश कार्यकारिणी व 44 जिला और महानगर अध्यक्ष नियुक्त हुए हैं। प्रदेश उपाध्यक्ष, प्रदेश महासिचव व युवाजन सभा के जिला महानगर अध्यक्ष भी घोषित किये गए हैं। पंचायत चुनावों कें बाद सपा तेजी से विधानसभा चुनावों में जुट गई है, इसके अलावा संगठन को मजबूती देने के लिये लखनऊ, प्रयागराज, कानपुर, मिर्जापुर और वाराणसी मंडल बसपा ने प्रभरियों की जिम्मेदारी बदली है। बूथ गठन का जिम्मा जिलाध्यक्षों से लेकर सेक्टर प्रभारियों को दिया गया है। मुख्य सेक्टर प्रभारी अपने जिलों में जाकर अपनी देखरेख में बूथ गठन का काम पूरा कराएंगे। बसपा भी बेस वोटों को एकजुट रखने के साथ ही दूसरों के वोटों में सेंधमारी की तैयारी में है। उधर संगठन की मजबूती पर भाजपा का जाेर भी तेजी पर आ गया है। उधर प्रधान से लेकर जिला पंचायत और ब्लाॅक प्रमुख चुनाव में बम्पर जीत से गदगद सत्ताधारी दल भाजपा भी मजबूत संगठन के बूते 2022 में यूपी का किला बचाना चाहती है। प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह ने शनिवार को कानून एवं विधि प्रकोष्ठ, प्रबुद्घ प्रकोष्ठ, व्यावसायिक प्रकोष्ठ, सहित सभी 22 प्रकोष्ठाें के प्रदेश संयोजक व सह संयोजकों की लिस्ट जारी कर दी है। जय प्रकाश निषाद को मछुआरा प्रकोष्ठ का संयोजक बनाया गया है। उधर भाजपा महिला मोर्चा के पदाधिकारियों के नामों की सूची भी जारी कर दी गई। प्रदेश की टीम में आठ उपाध्यक्ष व तीन महामंत्री बनाई गई हैं।